जख्मी बाघिन की कानन पेंडारी मिनी जू में मौत.

बिलासपुर. छतीसगढ़ राज्य के वन मंत्री अकबर खान के बिलासपुर दौरे के ठीक एक दिन बाद कानन पेंडारी मिनी जू में एक उम्र दराज जख्मी बाघिन की मौत हो गई। मिली जानकारी के अनुसार बुधवार की देर शाम मादा बाघ की मौत की खबर कानन पेंडारी जू से बाहर आई,उसे आठ माह पहले एटीआर से रेस्क्यू कर कानन पेंडारी जू लाया गया था। हालांकि वन मंत्री का दौरा और कानन पेंडारी जानवरों की हो रही लगातार मौत सिक्के के दो अलग अलग पहलू है लेकिन आखिर मिनी जू में मौत के आंकड़े क्यो बढ़ रहे हैं यह एक बड़ा सवाल है।

बाघिन का कानन में आठ माह का सफर.

मालूम हो कि 8 जून 2021 को अचानकमार टाईगर रिजर्व के बरमान नाला के पास से मादा बाधिन को घायल अवस्था में रेस्क्यू कर कानन पेण्डारी जू लाया गया था। रेस्क्यू के बाद बाघिन की जांच की गई, तो पता चला कि बाघिन खड़े नही हो पा रही थी और बहुत कमजोर थी। मादा बाधिन के बायें कंधे के पास और पूंछ के ऊपरी भाग में बड़ा घाव पाया गया था। मादा बाघिन के शरीर में मिले घाव की वजह आपसी लड़ाई बताई जा रही है। मादा बाघिन की उम्र लगभग 13 वर्ष होना बताया गया, एक बाघ का जंगल में औसत आयुकाल 12-14 वर्ष होती है। मादा बाघिन का जन्म 2009 में बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व में हुया था और उसने वर्ष 2013 व 2015 में 2 और 3 शावकों को जन्म दिया था।

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