वीडियो- श्रावण के पहले सोमवार करें बाबा महाकाल के दर्शन, भस्म आरती में उमड़े श्रद्धालु,विशेष दिन को लेकर पंडित शर्मा ने क्या कहा,देखे.

‘विजेंद्र यादव’

उज्जैन. श्रावण के पहले सोमवार की तड़के से ही बाबा महाकाल की विशेष पूजा अर्चना शुरू की गई। भस्म आरती में बड़ी संख्या में भक्त बाबा महाकाल के दर्शन के लिए मंदिर पहुंचे, वही शाम चार बजे पहली सवारी निकाली जाएगी।

विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण मास के पहले सोमवार को भगवान महाकाल के भक्तों का सैलाब उमड़ा पड़ा। तड़के सुबह 2:30 बजे मंदिर के पट खुले। 3 बजे भगवान महाकालेश्वर का जलाभिषेक कर दही दूध पंचामृत से अभिषेक हुआ। बाबा महाकाल को भस्म रमाने के बाद भगवान का भांग और सूखे मेवे से श्रृंगार कर आरती हुई। सुबह बाबा महाकाल के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के जयकारे से मंदिर परिसर गूंज उठा।

बाबा महाकाल का राजा के रूप में हुआ श्रृंगार.

भस्म आरती के दौरान महाकाल का भांग,चन्दन,सिंदूर और आभूषणों से मन मोहक राजा के रूप में श्रृंगार किया गया। मस्तक पर तिलक और सिर पर शेषनाग का रजत मुकुट धारण कर रजत की मुंडमाला और रजत जड़ी रुद्राक्ष की माला के साथ साथ बेल पत्र और सुगन्धित पुष्प से बनी फूलों की माला अर्पित की गयी। फलों और मिष्ठान का भोग लगाया। भस्म आरती में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। महा निर्वाणी अखाड़े की और से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गयी।

आज पूरा दिन दर्शन.

श्री महाकालेश्वर श्रावण मास के पहले सोमवार को भक्तों का सैलाब उमड़ा। सावन में शिव की भक्ति और आराधना का विशेष महत्व होता है। यही कारण है कि श्रावण के पहले ही सोमवार को हजारों श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन पहुंचे थे। भस्म आरती के लिए भक्त रात 12 बजे से ही लाइन में आकर खड़े हो गए थे। श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा की ओर से बाबा महाकाल को भस्म रमाई गई।

शाम को पहली सवारी.

भगवान महाकाल मनमहेश के स्वरूप में अपने भक्तों को दर्शन देने के लिये नगर भ्रमण पर अपने निर्धारित समय शाम 4 बजे निकलेंगे। मन्दिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा भगवान श्री मनमहेश को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दी जायेगी। श्री महाकालेश्वर की पालकी मन्दिर से निकलने के बाद महाकाल रोड, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाड़ी से होती हुई रामघाट पहुंचेगी। जहां शिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया जायेगा। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मन्दिर, सत्यनारायण मन्दिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्रीचौक, गोपाल मन्दिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्‍वर मन्दिर पहुंचेगी।

महाकाल मंदिर पुजारी महेश शर्मा ने बताया कि आज सावन के पहले सोमवार बाबा की भस्म आरती हुई जिसमें भांग का श्रृंगार किया गया सावन के पहले दिन पंचामृत अभिषेक के बाद पूरा दिन भर श्रद्धालुओं का ताता लगा रहेगा वह भगवान महाकाल के दर्शन श्रद्धालु दिन भर कर सकते हैं शाम 4 बजे भगवान की पालकी महेश रूप में शहर भ्रमण पर निकलेगी।

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