हेड कांस्टेबल मेश्राम को न्याय दिलाने सर्व आदिवासी समाज आया सामने, अफसर को निलंबित कर एफआईआर की मांग नही तो आंदोलन की चेतवानी.

सर्व आदिवासी समाज ने कहा.

•सरकंडा थाने में पदस्थ आदिवासी आरक्षक के आत्महत्या मामले में जल्द कड़ी कार्रवाई करें प्रशासन.

बिलासपुर. जिले के सरकंडा थाने में पदस्थ रहने के दौरान मौत को गले लगाने वाले हेड कांस्टेबल लखन मेश्राम की मौत का मामला अब और गरमाते जा रहा है। कांग्रेस के पूर्व नगर विधायक शैलेश पांडेय के बाद सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ संगठन मृतक को न्याय दिलाने और उसके परिवार की हर संभव मदद के लिए मामले में कूद पड़ा है। सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ संगठन का कहना है कि ट्रेनी थाना इंचार्ज डीएसपी पर आरोप लगा है कि उनकी प्रताड़ना से लखन मेश्राम ने अपनी जान दे दी, जिसकी जांच कर संबंधित अफसर को निलंबित कर एफआईआर दर्ज की जाए वरना आदिवासी समाज एसपी ऑफिस का घेराव करने पर मजबूर हो जाएगा।

सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ संगठन की ओर से सुभाष परते ने एक प्रेस नोट जारी कर कहा है कि सरकंडा थाना में जिस ट्रेनी डीएसपी अफसर की वजह से हमारे समाज और पुलिस विभाग में हेड कांस्टेबल रहे लखन मेश्राम की मौत काफी दुखी करने वाली है।

आदिवासियों पर प्रताड़ना,बहुत ही गंभीर विषय.

सारे घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए श्री परते ने आरोप लगाया है कि 2 मई की रात को थाना प्रभारी (प्रशिक्षु डीएसपी) के द्वारा मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर अपनी जान देने वाले हेड कांस्टेबल लखन मेश्राम को न्याय दिला पीड़ित परिवार के मदद की सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ संगठन गुहार लगाता है। मामले में संज्ञान लेते हुए सर्व आदिवासी समाज युवा प्रभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष परते ने कहा कि प्रदेश में आदिवासियों के साथ जिस तरह से बार-बार प्रताड़ना का प्रकरण आ रहा है वह बहुत गंभीर विषय है। पहले सामान्य जन पीड़ित थे अब आदिवासी,दलित अधिकारी कर्मचारी प्रताड़ना का शिकार हो रहे हैं। जिससे शासन प्रशासन के आदिवासी कल्याण नीति सिर्फ भाषणों कागजों तक सीमित नजर आ रहा है। जिस तरीके से अफसर शाही हावी है छोटे-छोटे कर्मचारी मानसिक, शारीरिक प्रताड़ना का शिकार हो रहे हैं । उक्त घटना ही इसका उदाहरण है और संबंधित अधिकारी को उच्च अधिकारियों द्वारा बचाए जाने व संरक्षण देने से समाज में आक्रोश का माहौल है। किसी अधिकारी द्वारा इतना प्रताड़ित करना जिससे कोई अपने जान देने पर आतुर हो जाए या गंभीर मुद्दा है। इस प्रकरण में त्वरित संबंधित अधिकारियों को निलंबित कर एफआईआर दर्ज की जाए।

सीएम, गृह मंत्री से मिलने की तैयारी.

आदिवासी वर्ग के हेड कांस्टेबल मेश्राम की सरकंडा थाना प्रभारी (प्रशिक्षु डीएसपी) की प्रताड़ना से हुई मौत का आरोप लगने के बाद सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ संगठन काफी आग बबूला नजर आ रहा है। श्री परते का कहना है कि सिर पर चुनाव और वोटिंग की तारीख भी करीब आ गई है जिसके कारण कोई कुछ न बोल मामले को दबाने में लगे है जबकि अफसर की प्रताड़ना से किसी की मौत हो जाना बहुत गंभीर बात है। संगठन जल्द प्रदेश के मुख्यमंत्री, गृह मंत्री और उच्च अधिकारियों से भेंट कर ज्ञापन सौंपेगा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा मुख्यमंत्री व गृह मंत्री जिस तरह से आदिवासी हितैषी होने का दम भरते हैं ऐसे प्रकरण में तुरंत कार्रवाई न होना दुर्भाग्य जनक है। सर्व आदिवासी समाज गृह मंत्री से मांग करता है की तुरंत संबंधित अधिकारी पर कार्यवाही करते हुए पीड़ित परिवार को न्याय दिलाये अगर 15 दिवस के अंदर उक्त विषय पर कोई कार्रवाई नहीं होती है तो सर्व आदिवासी समाज उग्र आंदोलन कर एसपी ऑफिस घेराव करने पर मजबूर हो जाएगा।

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