तस्वीरे- श्री जगन्नाथ महाप्रभु की रथ यात्रा पर CG के विधायक पांडेय ने छेरा पहरा की परंपरा का निर्वहन कर एक माह का वेतन मंदिर को समर्पित किया.

बिलासपुर. मंगलवार को रेलवे परिक्षेत्र स्थित श्री श्री जगन्नाथ मंदिर में रथ यात्रा अपनी प्राचीन परंपरा के अनुरूप पिछले कई दशकों से रथ यात्रा निकली। यहां उड़ीसा स्थित श्री श्री जगन्नाथ पुरी धाम की परंपरा का निर्वहन करते हुए उसी भांति रथ यात्रा निकाली गई।उसी परंपराओं के साथ दोपहर में श्री श्री जगन्नाथ मंदिर से रथ यात्रा निकली।

कुछ ऐसी है मान्यता.

मान्यता के अनुसार स्नान पूर्णिमा पर 108 कलश जल से भगवान जगन्नाथ देवी सुभद्रा और बलदाऊ के स्नान करने के बाद ऐसी मान्यता है कि तीनों प्रभु बीमार पड़ गए थे।

जिसके बाद से मंदिर के कपाट बंद कर आयुर्वेदिक पद्धति से काढ़ा दवा एवं सुपाच्य भोजन से उनका उपचार किया गया। 15 दिन उपचार के बाद तीनों स्वस्थ हुए तो फिर मंदिर में नेत्र उत्सव और नवजोबन उत्सव मनाया गया। प्राचीन कथा अनुसार स्नान पूर्णिमा पर अस्वस्थ होने के बाद भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा कमजोर हो गए हैं। इसलिए वे अपनी मौसी के बुलावे पर उनके घर गुंडिचा मंदिर जाते हैं इस यात्रा को रथ यात्रा कहा जाता है।

मान्यता है कि एक सप्ताह तक मौसी मां का स्नेह और आतिथ्य स्वीकार कर उनके द्वारा परोसे गए छप्पन भोग ग्रहण करने से तीनों भाई बहन पूर्ण स्वस्थ हो उठते हैं और फिर पुनः वापस अपने मंदिर लौट आते हैं पूरे रथयात्रा के पीछे यही कथा विधान हैं।

विशिष्ट वाद्य यंत्रों की ध्वनि के साथ भगवान जगन्नाथ बलभद्र और देवी सुभद्रा रथ पर सवार हुए भगवान के आगे आगे उनके मार्ग को निष्कंटक करने की भावना के साथ नगर विधायक शैलेष पांडेय ने छेर पहरा की परंपरा का पालन करते हुए मार्ग में झाड़ू लगाया जिसके बाद प्रतिमाओं को रथ पर सवार कराया गया जहां विधायक शैलेष पांडेय एवं उनकी धर्मपत्नी ऋतु पांडेय और अन्य गणमान्य अतिथियों ने पूजा अर्चना की।

पहली बार परंपरा निर्वहन से गदगद विधायक ने एक माह का वेतन श्री जगन्नाथ जी को समर्पित किया.

नगर विधायक शैलेष पांडेय ने ऐतिहासिक परंपरा बताते हुए कहा कि उन्होंने भगवान जगन्नाथ से पूरे बिलासपुर वासियों के लिए सुख समृद्धि शांति उनके अच्छे स्वास्थ्य सफलता की कामना की है एवं एक सामान्य भक्तों की तरह वे हर वर्ष भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा में शामिल होते हैं। भगवान जगन्नाथ महाप्रभु की कृपा है कि उन्हें इस वर्ष प्रथम बार छेरा पहरा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इसके लिए उन्होंने आयोजन समिति, जनप्रतिनिधियों, और क्षेत्र की जनता के प्रति आभार व्यक्त किया है। उन्होंने श्री श्री जगन्नाथ पूजा समिति उत्कल समाज को 1 माह का वेतन देने की घोषणा की।

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