भारत के मशहूर क्रिकेटर सौरभ तिवारी 15 फरवरी से शुरु होने जा रहे रणजी मुकाबले में आखिरी बार खेलते आएंगे नजर

भारत के मशहूर क्रिकेटर सौरभ तिवारी ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास की घोषणा की है. भारत के लिए तीन वनडे मैच खेलने वाले सौरभ फिलहाल जमशेदपुर की टीम का हिस्सा हैं और रणजी ट्रॉफी के मौजूदा संस्करण में खेलते नजर आ रहे हैं. झारखंड और राजस्थान के बीच 15 फरवरी से शुरु होने जा रहे रणजी मुकाबले में वह आखिरी बार खेलते नजर आएंगे.

बता दें कि सौरभ तिवारी विराट कोहली की अगुआई में 2008 में मलेशिया में हुए अंडर-19 विश्व कप में भारतीय टीम के सदस्य थे. तब भारत चैंपियन बना था. 34 वर्षीय क्रिकेटर पिछले कुछ वक्त से घुटने की चोट से काफी परेशान थे लेकिन बावजूद इसके वह लगातार घरेलू क्रिकेट खेल रहे थे. और अब आखिरकार उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और प्रथम श्रेणी क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है.

क्रिकेट को अलविदा कहना कठिन- सौरभ तिवारी

क्रिकेट से संन्यास की घोषणा के बाद मीडिया से चर्चा के दौरान सौरभ ने कहा, “आज इतने लंबे सफर को अलविदा कहना थोड़ा मुश्किल जरूर है लेकिन मुझे यह भी पता है कि इस फैसले का यह बिल्कुल सही समय है. मुझे ऐसा लगता है कि अगर आप भारतीय टीम में शामिल नहीं हो सकते या फिर आईपीएल में नहीं है तो यही ठीक है कि राज्य की टीम में युवा लड़कों के लिए जगह खाली की जाए. हमारी राज्य की टीम में अभी युवाओं को भरपूर मौका दिया जा रहा है और इस कारण से मेरा यह फ़ैसला काफी लाजमी भी है.”

जानिए कैसा रहा सौरभ तिवारी का क्रिकेट करियर

बता दें कि झारखंड के रहने वाले भारतीय क्रिकेटर सौरभ तिवारी सौरभ ने 11 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था. धोनी की ही तरह सौरभ तिवारी अपनी लंबी लहराती जुल्फों के लिए मशहूर थे, उन्हें झारखंड का छोटा धोनी कहा जाता था. सौरभ ने साल 2006-07 के रणजी ट्रॉफी सीजन में महज 17 साल की उम्र में प्रथम श्रेणी में अपना पदार्पण किया था. अब तक उन्होंने 115 प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं जिसमें 47.51 की औसत से 8,030 रन बनाए हैं. उन्होंने इस दौरान 22 शतक और 34 अर्धशतक अपने नाम किए हैं. सौरभ के नाम लिस्ट-A क्रिकेट में 4,050 रन और टी-20 में कुल 3,454 रन हैं. सौरभ ने भारत के लिए अपने करियर का आखिरी मुकाबला न्यूजीलैंड के खिलाफ 2010 में खेला था.

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