वीडियो- आमजनों से घर लौटने की गुजारिश करते रहे MLA पांडेय, उधर हो गई FIR,पांडेय के विस में विशेषाधिकार हनन एलान के बाद इस खेल में शामिल मोहरों के फूलने लगे हाथ पांव..

बिलासपुर. नगर विधायक शैलेश पांडेय के खिलाफ लॉक डाउन के दौरान अपने सरकारी बंगले पर जरूरतमंदों को राशन देने को लेकर भीड़ जुटाने और धारा 144 के उल्लंघन करने के आरोप के बाद विधायक पर हुई एफआईआर अब तूल पकड़ने लगी है नगर विधायक के पक्ष में सोशल मीडिया पर आवाज तेज होने लगी हैं इधर इस पूरे मामले में राजनीतिकरण की बू भी आ रही हैं जिसे लेकर विधायक ने इस मुद्दे पर कोर्ट की लड़ाई लड़ने और अगले विधानसभा सत्र में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने का एलान किया है।

लॉक डाउन के दौरान अपने सरकारी बंगले पर नगर विधायक द्वारा जरूरतमंदो को आवश्यक राशन सामग्री देने के बहाने भीड़ इकट्ठा करने का आरोप लगने और आननफानन में सिविल लाइन पुलिस द्वारा विधायक के खिलाफ धारा 144 के नियमों के उल्लंघन का हवाला देकर जुर्म दर्ज करने का मामला आमजन को समझ से परे नजर आ रहा है पूरी तरह राजनीतिक रंग चढ़े इस मुद्दे को लोग पचा नही पा रहे हैं कि आखिर विधायक पांडेय ने क्या गलत किया है और जनप्रतिनिधि होने के नाते एक शिक्षाविद नगर विधायक क्या धारा 144 से वाकिब नही है। यह पूरा मसला लोगो के लिए एक बड़ा विषय बन गया है।रविवार की दोपहर से रात तक चाहे वो प्रशासनिक हल्का हो या शहर की जनता व अलग अलग सामाजिक संगठन बस इसी बात को लेकर अपनी अपनी राय देने में भिड़े रहे।विधायक पांडेय पर सीधे एफआईआर तो पुलिस ने कर दिया है मगर इसके परिणाम को लेकर कुछ अधिकारियों की हवा टाइट हो रही हैं। सवाल ये है कि आखिर किसके इशारे पर श्री पांडेय के खिलाफ एफआईआर की लाइनें खिंची गई है वही विधायक निकले हवन करने और खुद हाथ जला बैठे की चर्चा भी जोरो पर है जबकि विधायक ने जरूरतमंद लोगों को भरोसा दिलाया था कि जिसे जो भी आवश्कता होगी उस तक मदद पहुच जाएगी न कि किसी को उनके पास आने की जरूरत पड़ेगी इसके लिए बाकायदा विधायक पांडेय ने अपना पर्सनल मोबाइल नंबर भी सोशल मीडिया और समाचारों के माध्यम से जारी किया था।

राजनीतिकरण की बू भी..

विधायक पांडेय शुरू से ही संगठन के कुछ लोगो की आखों में गड़ रहे हैं लॉक डाउन के दौरान अपने जनप्रतिनिधि से बंगले मिलने वाली भीड़ को बेवजह चंद लोगो ने मुद्दा बनाया और प्रशासन को पहले से अलर्ट कर मौका पाते ही पुलिस के कुछ अधिकारियों को भेज एफआईआर दर्ज करा दिया गया ऐसी भी चर्चा जोरों पर है वैसे खूब श्री पांडेय ने अपनी बातों में इस पूरे मसले को लेकर राजनीतिकरण या कहे प्रयोजन की आशंका जताई है।

विधायक इन एक्शन मूड कुछ की होने लगी हवा टाइट..

श्री पांडेय ने खुद पर एफआईआर दर्ज होने के बाद अपनी बात रखी जिसमें उन्होंने साफ तौर पर कोर्ट की शरण में जाने के साथ विशेष रूप से अगले विधानसभा सत्र में अपने विशेषाधिकार हनन के एलान के बाद कुछ जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों की हवा गुल हो गई है भले ही पुलिस ने आननफानन में विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया हो मगर बाद में इसका परिणाम सोच प्रशानिक फिजा का मौसम बिगड़ गया है वही विधायक के राडार में कुछ संगठन और अधिकारी आ गए हैं जिनकी शह पर यह सारा खेल किया गया है।

पांडेय जी कहिन..

मेरे विरुद्ध अपराध दर्ज किया गया है। मुझ पर आरोप है कि मैं अपने निवास में भीड़ को आमंत्रित कर कोरोना के प्राणघातक संक्रमण को बढ़ा रहा था मैंने धारा 144 का उल्लंघन किया है। मैं इस पटकथा से चकित हु। यह बिलकुल सही है कि हम लगातार नागरिकों तक अनाज दवा पहुँचाने की व्यवस्था कर रहे हैं। जहां से सूचना मिल रही है मैं वहाँ पहुँच रहा हूँ जो ज़ाहिर है मेरा दायित्व है। लोगों को भोजन मिले इसकी व्यवस्था भी है जिसमें निश्चित तौर पर मेरी सहभागिता है।

यह सब करते हुए मैं और मेरे सभी साथी सुरक्षा मान्य निर्देशों का पालन करते हैं और नागरिकों से भी करने का आग्रह करते है।
बीते सात दिनों से कोई क्षण ऐसा नहीं है कि मैंने अपने दायित्व से एक क्षण मुख मोड़ा हो यह समस्या सरकार की बस नहीं है हर व्यक्ति हर नागरिक को साझा होकर लड़ना है। नागरिकों को दवा मिले, अनाज -भोजन मिले इसकी व्यवस्था करना और यह सुचारु रुप से होती रहे यह मेरा दायित्व है।
मैं आभारी हूँ अपने साथियों,व्यवसायिक संस्थानों का जिनके पास मैं गया और उन्होंने मुक्त हाथों मेरी मदद की, इन्हीं की मदद से मैं सारी व्यवस्था उपलब्ध करा पा रहा हूँ।
रविवार को जब कार्यालय पहुँचा तो भीड़ बेहद ज़्यादा थी, मैने एडिशनल एसपी को फ़ोन किया और उन्हें आकर व्यवस्था करने आग्रह किया और उन्हीं की गाड़ी से मैंने नागरिकों से आग्रह किया कि वे घर जाएँ, उन तक अनाज और दवा पहुँचेंगी बिलकुल वैसे ही जैसे कि पहुँच रही है।
मेरे लिए यह चकित करने वाला विषय है कि आज अचानक यह भीड़ कैसे आई।
मैं केवल अपने निहित दायित्वों का निर्वहन कर रहा हूँ, मुझे नहीं लगता कि मैंने अपने नागरिकों की सेवा की तो कोई अपराध किया है मैं फिर दोहराता हूँ हमने किसी भी सुरक्षा मानकों का कोई उल्लंघन नहीं किया बल्कि सभी को लगातार सतर्क भी करते रहे हैं।
मैं आहत हूँ.. मुझे समझ नहीं आ रहा है कि यह प्रायोजित कार्यक्रम (FIR) का प्रायोजक कौन है.. मैं इस मसले पर न्यायालय की शरण लूँगा साथ ही विशेषाधिकार हनन के तहत कार्यवाही की माँग करते हुए विधि द्वारा जो संरक्षण हर नागरिक की तरह जो मुझे भी मिला है मैं इसका उपयोग करुंगा
पुनश्च – सतर्कता के सावधानी के मान्य नियमों का पूर्व की तरह पालन करते हुए मैं अपने नागरिकों के प्रति जवाबदेह हूँ और उसे निभाते रहूंगा

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