छत्तीसगढ़ में फिर ED की कार्रवाई पर सवाल, कांग्रेस ने कहा- भाजपा नेताओं के यहां कब छापा मारेगी ईडी

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता मणी वैष्णव ने कहा कि ईडी (ED) की कार्रवाई और कार्यप्रणाली दोनों लगातार सवालों के घेरे में रहती है. ईडी बतायें कि पिछले 9 साल में कितने भाजपा और भाजपा के सहयोगी दलों के लोगों के यहां छापे की कार्यवाही की गयी? देश में सारी अनियमितता विरोधी दल के लोग ही कर रहे है, भाजपा और उसके सहयोगी दल के नेता दूध के धुले हुए है? ईडी, आईटी और भाजपा का जो नापाक गठबंधन देशभर में दिख रहा, लोग जानना चाहते है ये रिश्ता क्या कहलाता है? 8 सालो में 6000 छापे मारने वाली ईडी सिर्फ 23 मामलों में ही सबूत दे पाई है मतलब ईडी सिर्फ भाजपा के विरोधियों की छवि खराब करने का काम कर रही.कांग्रेस प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों से पूछा है कि छत्तीसगढ़ के भाजपा नेताओं के यहां छापेमारी की कार्यवाही कब से की जायेगी. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता मणी वैष्णव ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 15 साल के सरकार में भाजपा के अनेक नेता फर्श से अर्श पर पहुंच गये. कुछ भाजपा के ऐसे नेता है जो भाजपा की सरकार बनने के पहले खटारा यामहा मोटर सायकल पर चला करते थे. 15 साल मंत्री रहे उनकी संपत्ति हजारों करोड़ों रूपयो में पहुंच गई.

कारोबारी पारिवारिक पृष्ठ भूमि के मंत्री रहे भाजपा नेता जिनके परिवार की कारोबारी हालत भाजपा की सरकार के पहले दिवालिया होने की थी वे और उनके भाई 15 साल में अकूत धन सपंदा के मालिक बन गये. इनके यहां ईडी छापेमारी करने कब जायेगी. छत्तीसगढ़ की जनता जानना चाहती है. इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक में मुख्य अभियुक्त ने नार्कोटेस्ट में तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह और आधा दर्जन मंत्रियो को करोड़ो रू. देना स्वीकार किया था ईडी इसकी जांच कब करेगी?प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता मणी वैष्णव ने कहा कि ईडी रमन सिंह सरकार के घोटालों की जांच कब करेगी? 36000 करोड़ का नान घोटाला और 6200 करोड़ का चिटफंड घोटाला रमन सिंह सरकार का वह घोटाला है जिसमें सीधे आम आदमी के साथ लूट की गयी है. इन दोनों ही घोटालों में तत्कालीन सरकार के प्रभावशाली लोगों की संलिप्तता के प्रमाण भी सामने आये है और इसमें रूपयों का भी लेनदेन हुआ है. किसी भी प्रकार के नगदी अवैध लेनदेन की जांच प्रत्यावर्तन निदेशालय के द्वारा की जानी चाहिये. इन दोनों ही मामलों में पुलिस अपना काम कर रही है और आपराधिक मामलों की जांच भी हो रही. पनामा पेपर के अभिषाक सिंह की जांच कब होगी? रमन सिंह तो स्वयं को ईडी का प्रवक्ता भी घोषित कर चुके है ऐसे में उन्हें स्वयं होकर ईडी से जांच की मांग का समर्थन करना चाहिये. रमन सिंह की घबराहट और बौखलाहट बताती है कि वे जांच की मांग से डर रहे है.

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