जानिए खर मास में क्यो निषेध होते है कोई भी शुभ कार्य, संक्रांति में राशियों पर प्रभाव और राजनीतिक हलचल.

‘पंडित अनिल पाण्डेय’

🔴धनु संक्रांति फल 🔴

भारतीय मानक समय अनुसार आज प्रात: 3 बजकर 44 मिनट पर भगवान भुवन-भास्कर बृश्चिक राशि से निकल कर धनु राशि में प्रवेश कर गये! चुकि ज्योतिष में वार की गणना सूर्योदय से सूर्योदय तक किया जाता है अत: यह धनु संक्रांति दिन बुधवार को भरणी नक्षत्र व कौलव करण में हुआ है! इस संक्रान्ति का “षडशीतिमुख मन्दाकिनी” है!

🔸संक्रांति विवरण 🔸

स्थिति – खड़ी
फल – तेजी
वाहन – सिंह
उपवाहन – बैल
वाहन फल – पीड़ा
वस्त्र – हरा
शस्त्र – तलवार
पात्र – ताँबा
भक्ष्य – भिक्षा
लेपन – चंदन
जाति – सर्प
पुष्प – मौलश्री
अवस्था – गतालका

🔴 संक्रांतिप्रभाव 🔴

🔸यह संक्रान्ति राजाओं के लिए सुखप्रद है अथवा क्षत्रियों, सेना तथा सैनिकों के लिए हितकारी है!

🔸रात्रि के चौथे पहर में घटित होने के कारण यह संक्रांति पशुपालकों के लिए कष्टप्रद है!

🔸जघन्य संयक नक्षत्र में 15 मुहूर्त की संक्रान्ति होने से मूलभूत उपभोक्ता सामग्री, अन्न आदि मंहगे होंगे!

🔸दिन बुधवार वार को घटित होने से संक्रान्ति का विंशोपक बल 12 (सूर्या:) होने से यह संक्रांति बलवान है अतः यह संक्रान्ति सुभिक्ष रहेगी!

🔸कौलव करण में संक्रांति होने से स्थिति खड़ी है! अत: इस संक्रान्ति के कारण इस मास वर्षा की अधिकता रहेगी!

🔸इस मास में चंदन, हरे रंग की वस्तुएं, तलवार शस्त्र, ताँबा धातु, गौवंश अर्थात गाय व बैल आदि की हानि इस मास में होगी!

🔴संक्रांति का विश्व पर प्रभाव 🔴

असामान्य विषम परिस्थितियाँ दु:खदायी बनेंगी! चल रहे सम्यक प्रयास और कार्यों में गतिरोध उत्पन्न होगा! जमाखोरी बढेगी, महंगाई बढेगी, खड़ी फसलों में क्षति होगी, अन्न आदि के दाम बढे़गे, कही कही आकाश साफ रहेगा तो कही कही बादल छाये रहेंगे तो कही अतिवृष्टि होगी ! तेज वायु के साथ वर्षा होगी! पर्वतीय क्षेत्रों में वर्फ वारी होगी! कई जगह बीजली गिरने की घटनाएं होगी! शीतलहर का प्रकोप बढेगा, भूंकप, हिग्दाह, प्राकृतिक उत्पात होगा, किसी विमान और रेल दुर्घटना की घटना घटेगी! गुजरात, सिन्धूनदी के साथ बसे प्रदेशों में, मारवाड़ आदि क्षेत्रों में अकाल जैसे हालात पैदा हो सकते है!

🔸 राजनीतिक हालात :– अन्तरराष्ट्रीय जगत में आपसी तनाव बढेगा, युद्ध जैसे हालात बनेंगे, पश्चिम के देशों में आपसी कलह के चलते आधुनिक हथियारों का प्रयोग होगा, बड़े देश छोटे व कमजोर देश पर कुदृष्टि रखेंगे, कुछ देश आपस में एकजुटता बनाने के लिए एकसाथ मिलेंगे! किसी देश – प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होगा! शान्ति के चल रहे प्रयास असफल होंगे! कोई देश इन प्रस्तावों को ठुकरा देगा! फिर भी भारतवर्ष के प्रजा में सुख-शांति रहेगी!

🔴 राशियों पर प्रभाव :-

🔸यह संक्रांति अश्विनी, भरणी और कृतिका नक्षत्र में पैदा हुए लोगों के लिए यात्राओं का योग बना रहा है!

🔸रोहिणी, मृगशिरा, आद्रा, पुनर्वसु, पुष्य, अश्लेषा नक्षत्र में पैदा हुए लोगों के लिए यह संक्रांति सुखदायी रहेगी!

🔸मघा, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में पैदा हुए लोगों के लिए यह संक्रांति पीड़ादायी रहेगी!

🔸हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा और ज्येष्ठा नक्षत्रों में पैदा हुए लोगों के लिए यह संक्रांति लाभदायक रहेगी तथा इस नक्षत्र के पैदा जातकों को उपहार आदि का लाभ मिलेगा!

🔸मूल, पूर्वाषाढा और उत्तराषाढा नक्षत्र में पैदा हुए जातकों के लिए यह संक्रांति शुभ नही रहेगी तथा धनहानी होगी!

🔸श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती और अभिजित नक्षत्रों में पैदा हुए जातकों के लिए यह धनु संक्रांति शुभ भी रहेगी और धन लाभ भी होगा!

🔸 आज दिनांक 16 दिसंबर 2021 मार्गशीर्ष मास की, शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि, दिन गुरूवार से धनु की संक्रांति के साथ ही खरमास प्रारंभ हो चुका है जो दिनांक 14 जनवरी 2022 को दोपहर 14 बजकर 30 मिनट पर समाप्त होगा! इस बीच सभी तरह के संस्कार, विवाह, यज्ञ, गृह निर्माण, गृहप्रवेश, यात्रा, भूमि-भवन क्रय-विक्रय, वाहन आदि का क्रय, कन्या का विदाई, तीर्थाटन आदि शास्त्रानुसार निषिद्ध है!

खर मास में क्या ये न करें.

तिथि 15/16 दिसंबर 2021 की रात्रि को प्रात: 03 बजकर 44 मिनट पर भगवान सूर्यदेव धनु राशि में प्रवेश करेंगे, अर्थात धनु की संक्रांति होगी! मकर, मीन और धनु की संक्रांति बहुत ही विशेष होती हैं! इस धनु की संक्रान्ति के साथ ही कल से खरमास प्रारंभ हो जायेगा! जिसमें सभी संस्कार, यात्रा, भूमि – भवन, वाहन आदि का निषेध रहेगा!

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