बिजली की रौशनी से जगमगाया इत्तेपारा, सालभर से लालटेन और दीया ही था सहारा

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रदेश के दूरस्थ आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों का विकास तेज गति से हो रहा है. बस्तर अंचल के दूरस्थ इलाकों में भी प्राथमिकता से बुनियादी सुविधाएं सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, पानी और बिजली पहुंचाई जा रही है. सुकमा जिले के इत्तेपारा गांव में एक वर्ष बाद लोगों को फिर से बिजली मिलने लगी है. पूरा गांव रौशनी से जगमगा उठा है. सालभर से लालटेन और दीये के युग में जी रहे इत्तेपारा के ग्रामीणों के लिए गांव में फिर से बिजली का आना विकास की नई रौशनी के समान है. दुर्गम भौगोलिक बसाहट थी उस पर सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र के रूप में भी चिन्हित गांव की किस्मत अब बदलने जा रही है. अंधेरे में रहने की परेशानी छंटने से ग्रामीण अत्यन्त प्रसन्न है. बिजली न होने से होने वाली दिक्कतों के संबंध में ग्रामीण बताते है कि उन्हें शाम ढलते तक अपने पूरा काम धाम निपटाकर घरों में बंद हो जाना पड़ता था और रात में मजबूरीवश कहीं आने-जाने के लिए लालटेन और दीया का ही उनका सहारा था. बहरहाल, लालटेन और दीए के युग में जी रहे इत्तेपारा के ग्रामीणों के लिए गांव में विद्युतीकरण का होना विकास का उजाला लेकर आया है. इसके लिए ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा का धन्यवाद किया. गौरतलब है कि उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा को 3 फरवरी को माओवादी आतंक प्रभावित सुकमा जिले के प्रवास के दौरान ग्राम इत्तेपारा का भ्रमण किया था और लोगों से मुलाकात की थी. ग्रामीणों ने उन्हें बताया कि उनके गांव में पिछले एक वर्ष से बिजली नही है. एक वर्ष पहले यहां बिजली थी. उप मुख्यमंत्री शर्मा ने विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे.

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