इंकलाब- ज़िंदाबाद के नारों और तालियों की गड़गड़ाहट के बीच फिल्म लाल जोहार का प्रदर्शन.

अब श्रमिक बस्तियों और गांव-गांव में दिखाई जाएगी फिल्म.

रायपुर. देश के प्रसिद्ध श्रमिक नेता शंकर गुहा नियोगी के जीवन संघर्ष पर निर्मित डाक्यूमेंट्री फिल्म लाल जोहार का लौह नगरी दल्ली राजहरा में जोरदार स्वागत हुआ. फिल्म के प्रदर्शन के दौरान मजदूर और किसानों ने इंकलाब- ज़िंदाबाद और लाल जोहार का नारा भी लगाया.

28 सितंबर को शहीद शंकर गुहा नियोगी के शहादत दिवस के मौके पर जनमुक्ति मोर्चा ने राजहरा में एक विशाल रैली भी निकाली.इस रैली में दूर- दराज के गांवों से मजदूर- किसान,छात्र और नौजवान शामिल हुए. रैली के बाद जैन भवन चौक में एक प्रोजेक्टर के जरिए फिल्म लाल जोहार का प्रदर्शन किया गया. पत्रकार और निर्देशक राजकुमार सोनी ने दर्शकों को फिल्म के निर्माण के संबंध में जानकारी दी. फिल्म के प्रदर्शन के दौरान शंकर गुहा नियोगी के पुत्र जीत गुहा नियोगी और उनके संगठन जनमुक्ति मोर्चा से जुड़े कर्मठ कार्यकर्ता भी मौजूद थे.फिल्म के निर्माण से जुड़े रंगकर्मी जय प्रकाश नायर, सुलेमान खान, शंकर राव, राजेंद्र पेठे, अप्पला स्वामी, संतोष बंजारा, उमेश बाबू, कुलदीप नोन्हारे, ईश्वर, गांधीराम किशन और तत्पुरुष सोनी ने भी दर्शकों के सवालों के जवाब दिए.

ज्ञात हो कि 30 साल पहले 28 सितंबर 1991 को पूंजीपतियों और उनके गुंडों ने श्रमिक नेता शंकर गुहा की हत्या कर दी थीं. नियोगी की स्मृति और उनके कामकाज को ध्यान में रखकर अपना मोर्चा ने डाक्यूमेंट्री फिल्म लाल जोहार बनाई है.

लगभग 45 मिनट की यह डाक्यूमेंट्री पूरे समय दर्शकों को बांधकर रखती है. फिल्म यू ट्यूब पर भी रीलिज की गई है. रीलिज होने के पहले दिन से ही फिल्म के जोरदार कंटेंट को लेकर चर्चा कायम है.फिल्म में नियोगी के आंदोलन से जुड़ी पृष्ठभूमि को बेहद सरल और कलात्मक ढंग से समझाया गया है. जबकि नियोगी के हत्या के बाद उपजे सवाल मन को बेचैन और उद्वेलित करते हैं. जो लोग भी शंकर गुहा नियोगी के कामकाज को जानते-समझते हैं… उनके लिए यह फिल्म एक दस्तावेज की तरह हैं.

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