• प्रदेश भर के छत्तीसगढ़ प्रशासनिक सेवा संघ के पदाधिकारियों ने छत्तीसगढ़ के 33 जिले में मुख्यमंत्री एवं विभागीय मंत्री के नाम 17 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया है।
बिलासपुर. शनिवार को जिला अध्यक्ष प्रकाश चंद साहू के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। जिसमें कहा गया कि जिले का राजस्व विभाग संसाधनों की कमी से जूझ रहा है। संसाधनों के अभाव में तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों को कार्य करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके निराकरण के लिए अब आंदोलन की राह पर चल पड़े हैं।
संसाधन नहीं तो काम नहीं सिद्धांत, पर आधारित 17 सूत्रीय मांगों की पूर्ति के लिए 26 जुलाई तक सकारात्मक पहल नहीं होने की स्थिति में 28 जुलाई से प्रस्तावित चरणबद्ध आंदोलन की सूचना कलेक्टर के माध्यम से शासन को दी गई है। ज्ञापन के माध्यम से
बताया गया कि छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ द्वारा पूर्व में भी विभाग एवं शासन को समय-समय पर विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया गया है। विशेष रूप से तहसील कार्यालयों में पदस्थ तहसीलदारों को संसाधनों की अत्यंत कमी, मानवीय संसाधन, तकनीकी सुविधाएं, सुरक्षा, शासकीय वाहन एवं प्रशासनिक सहयोग की अनुपलब्धता से कार्य निष्पादन में गंभीर कठिनाईयाँ उत्पन्न हो रही हैं।
ऐसी होगी आंदोलन की प्लानिंग.
21 से 26 जुलाई- निजी संशाधनों से कार्य बंद।
1. 28 जुलाई – जिला स्तर पर सामूहिक अवकाश लेकर विरोध प्रदर्शन।
2. 29 जुलाई – संभाग/राज्य स्तर पर सामूहिक अवकाश एवं प्रदर्शन।
3. 30 जुलाई – प्रदेश स्तर पर सामूहिक अवकाश लेकर राजधानी में धरना प्रदर्शन!
4.छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने चेतावनी दी है कि यदि उपरोक्त तिथियों तक भी समाधान हेतु कोई सार्थक पहल नहीं की जाती है, तो संघ द्वारा सर्वसम्मति से लिए गए निर्णय के अनुसार आगामी रणनीति के अंतर्गत अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया जा सकता है।
17 सूत्रीय मांग पत्र.
1. सभी तहसीलों में स्वीकृत सेटअप की पदस्थापना
सभी तहसीलों में कंप्यूटर ऑपरेटर, चपरासी, WBN, KGO, नायब नाजिर, माल जमादार, भृत्य, वाहन चालक, राजस्व निरीक्षक एवं पटवारियों की पदस्थापना की जाए। यदि संभव न हो तो संबंधित तहसील को लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत निर्धारित समय-सीमा की बाध्यता से मुक्त किया जाए।
2. तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर पद पर पदोन्नति प्रक्रिया
सीधी भर्ती और पदोन्नति का अनुपात पूर्व की भांति 50:50 रखा जाए और पूर्व में की गई घोषणा का तत्काल क्रियान्वयन किया जाए।
3. नायब तहसीलदार पद को राजपत्रित करने की मांग
इस आशय की पूर्व घोषणा का तत्काल क्रियान्वयन किया जाए।
4. ग्रेड पे में शीघ्र सुधार
तहसीलदार और नायब तहसीलदार के लंबित ग्रेड पे सुधार को शीघ्र किया जाए।
5. शासकीय वाहन की उपलब्धता
सभी तहसीलों में कार्यवाही, प्रोटोकॉल एवं लॉ एंड ऑर्डर ड्यूटी हेतु शासकीय वाहन व चालक की व्यवस्था हो या वाहन भत्ता प्रदान किया जाए।
6. निलंबन से बहाली
बिना वैध प्रक्रिया, नियमित आदेश या अभियोजन कार्रवाई से प्रभावित तहसीलदारों/नायब तहसीलदारों को 15 दिवस में जांच पूर्ण कर बहाल किया जाए।
7. न्यायालयीन प्रकरणों में आदेशों का पालन
न्यायालयीन मामलों को जनशिकायत/जनशिकायत प्रणाली में स्वीकार न किया जाए।
8. न्यायालयीन आदेशों पर FIR नहीं
बिना सक्षम न्यायालय की अनुमति के पारित आदेशों के विरुद्ध FIR या मीडिया ट्रायल न हो। न्यायाधीश संरक्षण अधिनियम के तहत स्पष्ट निर्देश जारी हो।
9. न्यायालय में उपस्थिति हेतु व्यवस्था
न्यायालयीन कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु प्रोटोकॉल ड्यूटी से पृथक व्यवस्था की जाए।
10. मानदेय भुगतान एवं नियुक्ति
आउटसोर्सिंग के माध्यम से स्टाफ की नियुक्ति हेतु तहसीलदार को अधिकृत किया जाए।
11. प्रशिक्षित ऑपरेटर की नियुक्ति
Agristack, स्वामित्व योजना, e-Court, भू-अभिलेख जैसे तकनीकी कार्यों के लिए प्रशिक्षित ऑपरेटर नियुक्त किए जाएं।
12. SLR/ASLR की बहाली
तहसीलदारों की पर्याप्त संख्या को देखते हुए SLR/ASLR को पुनः भू - अभिलेखीय कार्यों हेतु बहाल किया जाए।
13. व्यक्तिगत मोबाइल नंबर की गोपनीयता
TI की भांति पदेन शासकीय मोबाइल नंबर और डिवाइस प्रदान किया जाए।
14. सुरक्षाकर्मी
प्रत्येक तहसील में सुरक्षा कर्मी की तैनाती एवं फील्ड भ्रमण हेतु वाहन उपलब्ध कराया जाए।
15.सड़क दुर्घटना में तहसीलदारों के माध्यम से आर्थिक सहायता राशि ₹25000 तत्काल मौके पर देने की मांग आती है। परंतु तत्काल में राशि उपलब्ध नहो होती है। उक्त राशि मौके पर दिए जाने के संबंध में शासन से स्पस्ट गाइडलाइन्स जारी हो। इसके अलावा भी अन्य कई घटनाओं में तहसीलदारों से ही मौके पर मुआवजा राशि की अपेक्षा की जाती है। उसके सम्बन्ध में भी गाइडलाइन्स स्पष्ट जारी हो।
16. संघ की मान्यता
प्रदेश के समस्त तहसीलदार , नायब तहसीलदार संघ के सदस्य है।
17.विशेषज्ञ कमिटी का गठन किया जाए - शासन द्वारा राजस्व न्यायालयों एवं विभिन्न राजस्व मामलों के समाधान, विचार विमर्श, सलाह हेतु एक विशेषज्ञ कमेटी गठित की जानी चाहिए अतः शासन के समक्ष मांगें प्रस्तुत करने व समाधान हेतु वार्ता एवं पत्राचार में संघ को की मान्यता दी जाए।



