जांजगीर-चांपा। जिला अस्पताल में आज उस वक्त हड़कंप मच गया जब बंदी वार्ड से एक बंदी हथकड़ी से हाथ निकालकर फरार हो गया। घटना की सूचना मिलते ही जिला अस्पताल चौकी में तैनात पुलिस स्टाफ ने बंदी की तलाश शुरू कर दी।

जिला जेल और जिला अस्पताल के बयानों में विरोधाभास सामने आया है। जेलर ने कहा कि बंदी का हाथ टूटा था और आज उसका प्लास्टर लगना था, वहीं सिविल सर्जन ने बताया कि बंदी को बुखार और डायरिया की शिकायत थी।
फरार बंदी की पहचान पंचराम निषाद के रूप में हुई है, जिसे नवागढ़ पुलिस ने ठगी के मामले में गिरफ्तार किया था। आरोपी के खिलाफ प्रदेश के कई जिलों में ठगी के मामले दर्ज हैं। बताया जा रहा है कि पंचराम पहले भी जेल से फरार हो चुका है।

सिविल सर्जन के अनुसार, जिला जेल से बंदी पंचराम निषाद को कल दोपहर डेढ़ बजे डायरिया और बुखार के कारण भर्ती कराया गया था। उसके साथ एक प्रहरी तैनात था। आज सुबह डॉक्टर ने परीक्षण के बाद दवाइयां लिखीं, जिन्हें लेने के लिए प्रहरी खुद चला गया। जब वह लौटा, तो देखा कि बंदी हथकड़ी से हाथ निकालकर फरार हो गया था। प्रहरी ने घटना की सूचना तुरंत जिला अस्पताल चौकी में दी। इसके बाद पुलिस और अस्पताल कर्मियों ने मिलकर बंदी की तलाश शुरू की। अस्पताल में लगे सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले गए, लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि बंदी कैसे भागा।

इस मामले में जिला जेल खोखरा के जेलर ने बताया कि पंचराम निषाद को नवागढ़ पुलिस ने ठगी के मामले में गिरफ्तार किया था। कल उसका हाथ फ्रैक्चर हुआ था, जिसके इलाज और प्लास्टर के लिए उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आज सुबह उसके फरार होने की सूचना मिली, जिसकी जानकारी कोतवाली पुलिस को दे दी गई है।
विचाराधीन बंदी पंचराम निषाद पर आरोप है कि वह अलग-अलग जिलों में छड़, गिट्टी और सीमेंट व्यापारी बनकर निर्माणाधीन मकानों के मालिकों को कम कीमत में सामान देने का झांसा देकर लाखों रुपये की ठगी करता था। आरोपी को 28 अक्टूबर को न्यायिक हिरासत में जिला जेल भेजा गया था। 7 नवंबर को उसके हाथ में मोच आने के कारण उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से आज वह फरार हो गया। फिलहाल, इस मामले में कोतवाली पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।



