रायपुर। छत्तीसगढ़ में आज बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा धूम धाम से मनाया जा रहा है. लेकिन प्रदेश की सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा और कांग्रेस के बीच ‘रावण कौन- विभीषण कौन’ को लेकर जुबानी जंग तेज हो गई है. दोनों पार्टियां एक दूसरे को रावण बता रही है. भाजपा विधायक पुरंदर मिश्रा ने कांग्रेस पर निशाना साधा था. अब पीसीसी चीफ दीपक बैज ने उनके बयान का जमकर पलटवार किया है.दीपक बैज ने कहा- “रावण कौन है और विभीषण कौन, यह समय आने पर पता चल जाएगा. बीजेपी में विभीषणों की कमी नहीं है, बल्कि पूरी पार्टी ही रावण बन चुकी है. बीजेपी के नेता रावण की तरह काम कर रहे हैं. 2028 में असत्य पर सत्य की जीत होगी.”
दीपक बैज के बयान पर केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू का पलटवार
केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू ने PCC चीफ बैज के “बीजेपी पार्टी रावण है” वाले बयान पर तीखा पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि दीपक बैज को अपने गिरेबान पर झांकना चाहिए. अपने पार्टी के भीतर देखना चाहिए. दीपक बैज का कौन-कितना सुनता है… बीजेपी को रावण कहना दीपक बैज की घटिया सोच का परिणाम है.
काग्रेस में सभी रावण : विधायक पुरंदर मिश्रा
बता दें, विधायक पुरंदर मिश्रा ने दशहरे के मौके पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि “कांग्रेस रावण है, उसके भी दस सिर हैं, जो एक-एक कर कटते जा रहे हैं. दशहरा असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है और कांग्रेस को बुराई छोड़ देनी चाहिए. कांग्रेस झूठ पर झूठ बोलती है, उसमें सभी रावण हैं, एक विभीषण भी है.”
जैम पोर्टल को लेकर पर कांग्रेस ने BJP को घेरा
वहीं, CM विष्णुदेव साय द्वारा जैम पोर्टल (GeM Portal) से जुड़ी खरीदी में गड़बड़ी की जांच की घोषणा पर भी दीपक बैज ने कटाक्ष किया है. उन्होंने कहा कि जैम पोर्टल तो आपकी ही सरकार में शुरू हुआ था, जिसे पारदर्शिता के लिए लाया गया था. अब भ्रष्टाचार की बात क्यों हो रही है? यह तो जनता की गाढ़ी कमाई लूटने का जरिया बन चुका है. अगर भ्रष्टाचार हो रहा है तो इसके लिए सीएम जिम्मेदार हैं.”
बायोमेट्रिक सिस्टम पर भी टिप्पणी
मंत्रालय में बायोमेट्रिक हाजिरी लागू किए जाने को लेकर भी PCC चीफ ने सरकार पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि “बायोमेट्रिक सिस्टम ठीक है, लेकिन क्या यह सरकार की नाकामियों को छुपाने की कोशिश है? पहले मंत्रियों के बंगलों में बायोमेट्रिक लगाया जाना चाहिए.”
राजनीतिक बयानबाज़ी के बीच सियासी तापमान चढ़ा
दशहरे के मौके पर जहां एक ओर नेता जनता को नैतिकता और सत्य की बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर ‘रावण-विभीषण’ जैसे शब्दों के जरिए एक-दूसरे पर तीखे राजनीतिक वार भी हो रहे हैं.



