स्मार्ट शॉपिंग की मिसाल: लैपटॉप खरीदने विदेश गए, ₹36,000 से ज्यादा की बचत की!

नई दिल्ली: अब ग्राहक बेहद स्मार्ट हो गए हैं। छोटी से छोटी चीज खरीदनी हो तो वे खूब रिसर्च करते हैं। पता करते हैं कि कहां सामान सस्ता मिल रहा है। कहां सामान के साथ फ्री में कुछ मिल रहा है। अब इस कस्टमर को ही देखिए। उसे ऐपल का लैपटॉप MacBook खरीदना था तो वियतनाम चले गए। वहां से यह लैपटॉप भारत के मुकाबले 36,500 रुपये सस्ता मिला। इसी बचत से उसका हवाई जहाज का टिकट आया और रहने-खाने का खर्च भी निकल गया।


सस्ती चीज खरीदने विदेश जा रहे हैं


सोशल मीडिया प्लेटफार्म Reddit पर एक व्यक्ति ने बताया कि कैसे उन्होने सस्ता लैपटॉप खरीदने के लिए विदेश जाने का जहाज पकड़ा। इसके लिए उन्होंने वियतनाम के हनोई की यात्रा की। वहां से उन्होंने MacBook खरीदकर 36,500 रुपये बचाए। इसकी पूरी कहानी उन्होंने Reddit पर शेयर की। उस व्यक्ति ने बताया कि उसने कैसे लैपटॉप खरीदा और हजारों रुपये बचाये। इसी बचत से उन्होंने 11 दिन की हनोई यात्रा भी की।


किस बात का मिला फायदा


दरअसल, भारत के मुकाबले वियतनाम में इस प्रोडक्ट का दाम कम है। साथ ही उसने टैक्स रिफंड और अच्छे एक्सचेंज रेट का फायदा उठाया। बोनस में उन्हें मिला छुट्टी मनाने का मौका। उनकी कहानी सुनकर कई लोग सोच रहे होंगे कि क्या वे भी ऐसा कर सकते हैं।


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वहां Apple के प्रोडक्ट सस्ते क्यों हैं?


भारत में Apple के प्रोडक्ट महंगे होने का एक बड़ा कारण है इस पर लगने वाली भारी-भरकम इंपोर्ट ड्यूटी। इसके साथ ही इस पर GST भी वसूला जाता है। ये टैक्स कंपनी के प्रॉडक्ट iPhone और MacBook की कीमत बढ़ा देते हैं। वियतनाम में इलेक्ट्रॉनिक्स सामान अपेक्षाकृत सस्ते इसलिए हैं क्योंकि वहां कम इंपोर् ड्यूटी है। साथ ही, सरकार पर्यटकों को VAT (वैल्यू एडेड टैक्स) वापस लेने की अनुमति देती है। इसलिए, वियतनाम वैसे पर्यटकों के लिए अच्छा है जो टेक्नोलॉजी से जुड़ी चीजें खरीदना चाहते हैं और घूमना-फिरना भी चाहते हैं।


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कैसे बचे हजारों रुपये


उस आदमी ने जोड़ा कि MacBook का जो मॉडल भारत में 1.85 लाख रुपये का है, वही वियतनाम में 1.48 लाख रुपये का पड़ रहा है। भारत में तो क्रेडिट कार्ड ऑफर लगाने के बाद भी यह प्रॉडक्ट इतना महंगा है। उस व्यक्ति ने वियतनाम में एक ऐसा स्टोर चुना जो VAT रिफंड के लिए सही कागजात दे सके। वियतनाम से फ्लाइट लेने से पहले, उसने एयरपोर्ट पर VAT रिफंड की प्रक्रिया पूरी की। इसमें उसे लैपटॉप दिखाना पड़ा और जरूरी कागजात जमा करने पड़े। जब रिफंड हो गया, तो MacBook की कीमत और भी कम हो गई।


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क्या रहा बचत का गणित


उनकी इस यात्रा का कुल खर्च 2.08 लाख रुपये पड़ा। इसमें फ्लाइट का किराया, रहने का खर्च, खाना-पीना, लोकल ट्रांसपोर्ट और MacBook की कीमत शामिल थी। VAT रिफंड मिलने के बाद, उसका कुल खर्च 1.97 लाख रुपये पड़ा। इसमें से MacBook की कीमत (1.48 लाख रुपये) घटाने के बाद, उसकी छुट्टी का खर्च सिर्फ 48,000 रुपये पड़ा। उस पैसे में, उसने हनोई में 11 दिन बिताए। इतने दिनों में वह काम भी किया और शहर भी घूमा। यदि वह भारत में इसे खरीदता तो छुट्टी का आनंद नहीं मिलता।


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उसने रिमोटली काम किया


Reddit यूजर ने बताया कि उसने अपनी यात्रा के दौरान रिमोटली काम किया। उसने काम करके अपनी कमाई जारी रखी।





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