जाति फर्जी मामले में SDM ने निलंबित किया नगर पालिका अध्यक्ष का पिछड़ा वर्ग प्रमाणपत्र

मुंगेली. नगर पालिका अध्यक्ष हेमेंद्र गोस्वामी के जाति विवाद मामले में एक नया मोड़ आया है. हेमेंद्र गोस्वामी के अन्य पिछड़ा वर्ग प्रमाण पत्र को मुंगेली SDM ने निलंबित कर दिया है. एसडीएम पार्वती पटेल ने जारी आदेश में कहा है कि राज्य स्तरीय छानबीन समिति का अंतिम निर्णय आने तक नगर पालिका अध्यक्ष हेमेन्द्र गोस्वामी को जारी अन्य पिछड़ा वर्ग स्थायी जाति प्रमाण पत्र को जारी अधिसूचना में किए गए संशोधन के प्रावधान के अनुसार धारा 18 के तहत अन्य पिछड़ा वर्ग प्रमाण पत्र को उच्च स्तरीय छानबीन समिति के निर्णय तक के लिए निलंबित किया जाता है. प्रमाण पत्र से किसी भी प्रकार का लाभ न लिए जाने के संबंध में कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं.

हेमेंद्र गोस्वामी के स्थायी सामाजिक प्रास्थिति प्रमाण पत्र को एसडीएम ने निलंबित किया है, जिसमें निलंबित प्रमाण पत्र से किसी भी तरह का लाभ लेने के लिए प्रतिबंधित किया गया है. बता दें कि हेमेंद्र गोस्वामी के जाति प्रकरण को जिला स्तरीय छानबीन समिति ने अग्रिम कार्यवाही के लिए राज्य स्तरीय छानबीन समिति को भेजा है.

जानिए क्या है मामला

दरअसल पूरा मामला नगर पालिका अध्यक्ष के स्थायी जाति प्रमाण को लेकर विवाद उपजा हुआ है. नगर पालिका के महाराणा प्रताप वार्ड के पार्षद मोहित बंजारा ने शिकायत दर्ज कराया है कि हेमेन्द्र गोस्वामी का जाति फर्जी है. शिकायत कर्ता ने शिकायत में दावा किया है कि हेमेंद्र गोस्वामी सामान्य वर्ग से आते हैं, लेकिन उन्होंने पिछड़ा वर्ग का जाति प्रमाण पत्र के जरिए पार्षद का चुनाव लड़ा और फिर अध्यक्ष बन गए.

प्रशासन पर दबाव बनाकर की जा रही कार्रवाई : गोस्वामी

इस मामले में नगर पालिका के अध्यक्ष हेमेन्द्र गोस्वामी का कहना है कि उनके राजनैतिक प्रतिद्वंद्वियों द्वारा प्रशासन पर दबाव बनाकर कार्रवाई कराई जा रही है. जब जिला स्तरीय छानबीन समिति ने अग्रिम कार्रवाई के लिए उच्च स्तरीय छानबीन समिति को प्रकरण प्रेषित किया है तो अंतिम निर्णय का इंतजार क्यों नहीं किया जा रहा है. आखिर किसके दबाव में इस तरह से एक्शन लिया जा रहा है, समझ से परे है. शिकायत, आरोप, प्रत्यारोप और कार्रवाई की हकीकत राज्य स्तरीय छानबीन समिति का जब निर्णय आएगा तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.

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