'OMG': कोटा में पुलिस की तोप से अपराधियों के हौसले पस्त.

• दारू जुंआ के लिए बदनाम थाना क्षेत्र में कसावट से सफेदपोशों को तकलीफ.


बिलासपुर. जिले का कोटा थाना क्षेत्र एक बदनाम थानों में से एक रहा है। जहां दारू, गांजा, जुआ, सट्टा और खास कर कच्ची शराब से लेकर तमाम तरह के अपराध होते रहे हैं लेकिन जब से एसएसपी रजनेश सिंह की तोप पुलिसिंग ने चार्ज लिया है कि एक महीने की भीतर कोटा थाना क्षेत्र में ऐसी तोप चली जिससे अच्छे अच्छे अपराधियों की हालत खराब हो चुकी है। आंकड़़े बताते हैं कि कोटा थाना क्षेत्र में कब किन मामलों का निकाल और समाधान हुआ है।


एसएसपी रजनेश सिंह की प्रहार पुलिसिंग ने कोटा थाना टीआई तोप सिंग नवरंग और उनकी टीम ने भी जोर लगाया है। दारू, गांजा, जुआ, सट्टा और अवैध कच्ची शराब से लबालब इस कोटा थाना क्षेत्र में टीआई नवरंग के चार्ज लेने के बाद से एक माह के भीतर ही अपराध में कसावट आई है। जिले के अंतिम छोर और चारों तरफ जंगल से घिरा कोटा थाना क्षेत्र क्राइम के नाम पर बदनाम रहा है। जुए की महफिल और शराब खोरी के ठिकाने टीआई नवरंग के आने के बाद खाली हो गए हैं। आंकड़ों की माने तो एक माह के भीतर पुराने अपराध का निकाल, छुटपुट मामले, हाल ही में एक फार्म हाउस में जुआ रेड, फारेस्ट रेंजर के चार हमलावरों की क्विक एंड फास्ट गिरफ्तारी, गनियारी से 525 लीटर कच्ची शराब का जखीरा और सब से महत्वपूर्ण कार्य पुलिस कप्तान सिंह के चेतना अभियान पर जोर देकर किया गया। इसके साथ ही चेतना मित्रों बनाने का काम टीआई नवरंग की देखरेख में जारी है।


जुआरियों ने कही ना, हमने नहीं दिया पैसा .


बीते 1 जून को कोटा पुलिस और एसीसीयू की टीम ने अजयपुर स्थित बंटी कश्यप के फॉर्म हाउस में रेड कार्रवाई कर 14 जुआरियों को कैश और लक्जरी गाडिय़ों के साथ गिरफ्तार किया गया था। सीनियर पुलिस अफसरों और कोटा पुलिस की माने तो पूरी कार्रवाई बिल्कुल साफ सुथरी थी। इसके बाद भी जमानत की एवज में पुलिस पर रकम लेने का गंभीर आरोप लगाकर एक तरह मिडिया ट्रायल किया गया। इसकी पुष्टि करने जब ' OMG NEWS NETWORK' ने कुछ जुआरियों की खोज खबर लेकर उनसे बात की तो जुआरियों ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं हुआ था। किसी पुलिस वाले को हमने तो पैसा नहीं दिया। थाने आने के बाद भीड़ जरूर लग गई थी अब किसने क्या किया हमें नहीं मालूम।


कोटा की पब्लिक भी खुश.


मालूम हो कि इससे पूर्व भी श्री नवरंग कोटा थाना के इंचार्ज रह चुके हैं। जिसके कारण उनकी नगरवासियों से बेहतर ताल मेल और इलाके में अच्छी पकड़ है। पुलिस विभाग में आने के ज्यादातर समय नक्सल प्रभावित जिलों में पदस्थ रहते टीआई नवरंग की पब्लिक डील सभी से मेल खाती है। कोटा के नागरिकों का कहना है कि थाना प्रभारी नवरंग का सहयोग मिलता है। यहां के लोग कहते हैं कि चाहे सत्तापक्ष हो या विपक्ष खाकी की मान मर्यादा और एसएसपी रजनेश सिंह के निर्देशों को ध्यान में रख कानून के दायरे में कोटा की पुलिसिंग चल रही है।





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