मुंह फट

‘रवि शुक्ला’

बाबा का बड़ा दिल.

राज्य में कांग्रेस के ढाई-ढाई साल की सत्ता के फार्मूले पर सियासत गंभीर मोड़ लेती नजर आ रही है। सीएम और उनके दाएं-बाएं राहुल गांधी के दौरे पर चाहे जो करें, पोस्टर उखाड़े लगाएं फिर निकाले बाबा को आलाकमान के सामने दिखने से रोकें कोई मजाक से कह रहा था इतना सब कुछ करना था तो बाबा के पोस्टर को राहुल गांधी की इंट्री से उल्टा लगा देते फिर न लगाने की मेहनत न फिर से उखाड़ने की माथापच्ची.

अरे भई साँप भी मर जाता और लाठी भी नही टूटती दिमाग भी कोई चीज होती है कि नही पर कौन समझाए इधर मीडिया भी मैनेजमेंट सो अलग। लेकिन इस बार टुच्ची सियासत से बाबा का कद जाने अनजाने में बढ़ता चला जा रहा है। पंजाब सरिका कोई दूसरा होता तो कांग्रेस की खटिया खींचकर चौराहे पर ले आता। लेकिन बाबा परिपक्व और मंजे हुए सियासत दान लगते हैं,शायद है भी तभी तो उन्होंने आलाकमान के सामने भाषण देते हुए सीएम को अपना कप्तान बता कर तारीफ की और इतने के बाद भी उनके चेहरे पर शिकन नहीं थी।

यह संकेत है मंजे हुए सियासी खिलाड़ी का, वैसे सीख है हुकुमकारो के लिए कि कभी प्रतिभाएं छुपाने से नहीं छुपती एक दिन कफन फाड़ के बाहर आती है। अच्छा है कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस में मन में ही सही सद्भाव बना हुआ है। क्योंकि पार्टी सत्ता में रहेगी तब सब कुछ है आज नहीं तो कल कुछ तो रहेगा।

साहित्य मिजाज आईपीएस.

राज्य में एक आईपीएस अफसर है वैसे तो सरकार ने इन्हें आपदाओं से बचाने और आग पर काबू पाने के डायरेक्टर का बूता सौपा है। राज्य के बड़े -बड़े जिलों में कप्तानी कर चुके अफसर आज भले लूप लाइन में है मगर उनकी खुशमिजाजी और सरल व्यक्तित्व के सब कायल है।
अब ऐसा है की कप्तान रहते जरा टशन तो दिखाना बनता है नही दिखाया तो पुलिसिंग के साथ बाकी चीजे कैसे मैनेज होगी।

खैर हाल ए अफसर कुछ ऐसा है कि जो भी मिलने जाता उनसे सादगी के साथ घुलमिल जाते है। आगे बढ़ने की टिप्स भी देते है वो भी फ्री में,कहि आपदा आए न आए आग लगें न लगें लेकिन इन जनाब की खासियत है की अपनी शेरो-शायरी से बीच-बीच मे आग लगाने या कहे कुछ के दिलों की आग बुझाने का काम जरूर करते है,साहब के लिखे को लोग पढ़ते भी है और खूब सराहना भी करते है,चलिए अच्छा है इसी बहाने लोगों के बीच बने हुए तो है और इनकी विनम्रता ऐसे ही बनी रही तो आगे भी बेहतर रहेगा।

मुड़ताई और मोहन.

सामान्य सी बात है खुदा हुस्न देता है तो नजाकत आ ही जाती है। अभी नजाकत कांग्रेस के पास है और बहुमत के लिहाज से बीजेपी के पास दांतनिपोरी,मसला है केंद्रीय मंत्री सिंधिया के राजधानी आगमन का जैसी करनी वैसी भरनी कांग्रेस के प्रिंस को भाजपाइयों ने काला झंडा दिखाया तो कांग्रेसी बीजेपी के राजकुमार को डंडा-झंडा दिखाने लगे।

अब इसमें चिढ़ाने वाली क्या बात है, भई यह तो सियासत है। अब यह सब कौन समझाए भाजपा मुड़त को, गुस्सा गए और दिखाने लगे मुड़ताई कहने लगे 15 साल से हम सत्ता में थे। तुम हमको क्या झंडा बताओगे पुलिस से भी गाली-गुप्तार दूसरे नेता समझ गए और धीरे से उन्होंने बीजेपी की मोहिनी को आगे कर दिया। लिहाजा मोहन भैया के सब जाने पहचाने आखिर उन्होंने फैलाए हुए रायते को समेट लिया। विपक्ष में रहते हुए बीजेपी को यह गुर सिख भी लेना चाहिए।।चर्चा है कि मोहिनी का चक्कर था कि असर ऐसा हो कि सब का मोह उन पर आ जाए और राजनीति की एक मूरत टूट जाए। ताकि सारा श्रेय उनके पाले में, खैर मौके को भांप लिया गया और बड़े नेताओं के साथ लेकर खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे तर्ज पर नेता जी पहुंच गए मामला मैनेज करने।

किस्सा ड्राई डे का.

वाहवाही बड़ा अजीब नशा है,किसी ने कर दिया तो वाह-वाह नही किया तो सुनने और बेवजह सुनवाने को बेताब,जिले में अवैध कारोबार जुआ – सट्टा और शराब की तस्करी पर कार्रवाई को लेकर एसएसपी साहिबा ने थानेदारों की कमर क्या कसी,मानो खुद को सच्चा सिपाही साबित करने की बाढ़ सी आ गई है।

कुछ दिनों पहले अवैध शराब पकड़ अरपा पार के थानेदार ने शराब के पव्वे की प्रदर्शनी क्या सजाई तो कुछ थानेदारों का जमीर जाग उठा, छुटपुट कार्रवाई तो सब कर ही रहे है मगर इससे ऊपर इंडस्ट्रियल एरिया के थाना प्रभारी (एसआई) को जाने क्या नशा चढ़ा की वो दो कदम आगे निकले, किस्सा ड्राई डे का है,कोई बता रहा था इन जनाब ने शुष्क दिवस में अवैध शराब पर कार्रवाई शो करने पहले से ही शराब और कोचियों को पकड़ स्टॉक रख लिया था ताकि साहिबा को दिखा नम्बर बढा सके। ड्राई डे आया और ज्यादा दिखाने के चक्कर मे लगा दी शराब की महफिल,कोचियों को पहले ही निकल लेने कह दिया गया था।

मगर किसी को तो सामने लाना था न,तो एक्का दुक्का पर थोप दिया सारा मामला,खासकर जुआ खिलवाने के नाम से पहले ही जग जाहिर इस थाना क्षेत्र में एक बार फिर जुआरियों पर बड़ी कार्रवाई भी हुई है। वैसे थाना इंचार्ज एक्टिव भी है कई बड़े मामलों में अपनी भूमिका निभा जिले की पुलिसिंग की नाक भी बचाई है इसमें कोई दो रॉय नही है।

आखरी दो शब्द नमन के.

अमेरिका ने एक बार कहा था कि अटल जी का दिमाग और लता दीदी का गला म्यूजियम में रखने और रिसर्च करने लायक है। दुःखद हैं कि सुर सम्रागिरी भारत रत्न लता दीदी हमारे बीच नहीं रही। चार दशक तक संगीत के क्षेत्र में एक छत्र राज करने वाली सुर कोकिला ने 50,000 से ज्यादा गीत गाए और अपने सुरीले गीतों से लाखों दिलों को छू लेने वाली लता दीदी को ‘OMG NEWS NETWORK’ परिवार की तरफ से शत शत नमन.

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