हम जंगल की धूल हैं, कुचले तो उठेंगे तूफान बनकर, मुंडा गांव के ग्रामीणों की चेतावनी.

• फर्जी ग्रामसभा का घिनौना षड्यंत्र: महाजेंको कंपनी ने शासन और जनता को ठगने का रचा अपराध.


दीपक शर्मा.


रायगढ़. जिले के तमनार तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत सराई टोला के आश्रित ग्राम मुंडा गांव में एक सुनियोजित और घटिया षड्यंत्र का भंडाफोड़ हुआ है. दिनांक 8/10/2022 को महाराष्ट्र स्टेट पावर जनरेशन कंपनी महाजेंको द्वारा प्रशासन को दिया गया ग्रामसभा का प्रस्ताव न केवल पूरी तरह फर्जी है बल्कि यह आदिवासी अधिकारों ग्राम सभा की संप्रभुता और संविधान की सीधी हत्या है।


कंपनी ने ग्रामसभा की अध्यक्षता "जयशंकर राठिया" के नाम से दर्शाई जबकि ग्रामवासियों ने दो टूक कहा हमारे गांव में ऐसा कोई व्यक्ति है ही नहीं.... गांव में उस दिन कोई ग्रामसभा हुई ही नहीं. और न ही ग्राम पंचायत द्वारा कोई अनापत्ति पत्र जारी किया गया. सवाल यह उठता है कि क्या अब कंपनियाँ कागज़ पर ही गाँव, जनता, और कानून गढ़ लेंगी..??


महाजेंको कंपनी ने यह साबित कर दिया कि वह जनता के अधिकारों की कब्र पर मुनाफे की खदानें खोदना चाहती है. ग्रामसभा की सहमति को कागज़ी औपचारिकता मानकर उन्होंने फर्जी दस्तावेज तैयार किए, और उसे प्रशासन के सामने पेश कर दिया यह न केवल कानून का मज़ाक उड़ाना है, बल्कि संविधान के अनुच्छेद 244 और पेसा कानून की खुली अवहेलना भी है.


इस घोटाले के खिलाफ जब ग्रामवासियों को भनक लगी तो उन्होंने तमनार थाने का घेराव किया और जोरदार नारेबाजी की

फर्जी दस्तावेजों से जंगल लूटने वालों को जेल भेजो...

जयशंकर राठिया नाम का भूत किसने बनाया

महाजेंको की माफिया राजनीति बंद करो.


ग्रामीणों की स्पष्ट मांग.


फर्जी ग्रामसभा का दस्तावेज जमा करने वाले महाजेंको कंपनी के अफसरों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए.


जिलाधिकारी और संबंधित अधिकारियों की भूमिका की भी जांच हो क्या वे इस षड्यंत्र में साझेदार हैं या सिर्फ तमाशबीन...?



यह मामला अब केवल एक गांव की लड़ाई नहीं है यह पूरे आदिवासी अंचल की अस्मिता और अधिकारों की लड़ाई है. यदि आज इस फर्जीवाड़े पर कार्रवाई नहीं होती, तो कल हर गांव की ग्रामसभा कंपनी के दफ्तर में बैठे अफसरों के एसी कमरों में तैयार कर ली जाएगी.







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