“INDIA गठबंधन ने भोपाल में होने वाली पहली रैली रद्द कर दी, क्योंकि लोग…”: CM शिवराज का तंज

मध्य प्रदेश/भोपाल: भोपाल में अक्टूबर के पहले हफ्ते में ‘INDIA’ गठबंधन की प्रस्तावित रैली रद्द हो गई है. एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने जानकारी देते हुए कहा कि रैली भोपाल में नहीं हो रही है. कांग्रेस पार्टी के महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने भी बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष और INDIA गठबंधन के दूसरे पार्टनर के साथ चर्चा जारी है. रैली कब होगी और कहां होगी, इसपर अभी आखिरी फैसला नहीं हुआ है. अब भोपाल में ‘INDIA’ गठबंधन की प्रस्तावित रैली रद्द होने पर CM शिवराज सिंह ने विपक्षी पार्टी को आड़े हाथ लिया है. उन्होंने कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन ने अपनी पहली रैली रद्द कर दी, क्योंकि लोग नाराज हैं कि उन्होंने सनातन धर्म का “अपमान” किया.

“जनता में आक्रोश…” 
CM शिवराज ने विपक्षी पार्टी पर तंज कसते हुए कहा,”सनातन का यह अपमान एमपी की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी. समझ लें कि हमारी आस्था पर हमला किया गया है. यह हमला किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जनता में आक्रोश है, इसलिए रैली रद्द कर दी गई.”कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए CM शिवराज ने कहा कि सबसे पुरानी पार्टी के भीतर बहुत अराजकता है और लोग इस बात पर लड़ रहे हैं कि पोस्टरों में किसकी तस्वीर शामिल है. बीजेपी में हर कोई चुनाव के दौरान काम में लगा रहता है. 

MP में कांग्रेस की  सात जन आक्रोश यात्राएं
बता दें कि कांग्रेस की सात जन आक्रोश यात्राएं 19 सितंबर यानी गणेश चतुर्थी पर शुरू होंगी. पार्टी के नेता 15 दिनों में मध्य प्रदेश के सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों में 11,400 किलोमीटर की यात्रा करेंगे. यात्राओं का नेतृत्व वरिष्ठ कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) डॉ गोविंद सिंह सहित वरिष्ठ नेता करेंगे. यात्रा का नेतृत्व करने वाले अन्य नेताओं में पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव, कांतिलाल भूरिया, सुरेश पचौरी, कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य कमलेश्वर पटेल, पूर्व एमपी मंत्री जीतू पटवारी और पूर्व एलओपी अजय सिंह ‘राहुल’ शामिल हैं. यह पूछे जाने पर कि यदि कांग्रेस राज्य में सत्ता में आती है तो मुख्यमंत्री कौन होगा, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और मध्य प्रदेश के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कमल नाथ की ओर इशारा किया, जो उनके बगल में बैठे थे. सुरजेवाला ने कहा, हालांकि पार्टी की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था सीडब्ल्यूसी यह तय करेगी कि कमल नाथ चुनाव लड़ेंगे या नहीं.

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