• प्रेस क्लब चुनाव विवाद: रजिस्ट्रार ने बिलासपुर कार्यकारिणी रद्द की; कलेक्टर होगे प्रशासक.

रायपुर. छत्तीसगढ़ के दूसरे बड़े शहर बिलासपुर की पत्रकारिता से एक बड़ी खबर आ रही है। मिल रही जानकारी के अनुसार सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम-1973 के तहत पंजीकृत बिलासपुर प्रेस क्लब की निर्वाचित कार्यकारिणी को रजिस्ट्रार फर्म्स एवं संस्थाऐं, छत्तीसगढ़ ने विवादों के चलते भंग कर दिया है। 18 नवंबर 2025 को जारी आदेश में रजिस्ट्रार भोई साहू (I.A.S.) ने अनियमितताओं से भरे 19 सितंबर 2025 के चुनाव को अमान्य घोषित कर दिया है।

अब होगा ये
कलेक्टर अब कराएंगे नया चुनाव.
रजिस्ट्रार ने विवादित कार्यकारिणी को भंग करते हुए कलेक्टर, जिला बिलासपुर को नया प्रशासक नियुक्त कर दिया है। कलेक्टर अपनी ओर से एक प्रशासनिक या राजस्व अधिकारी को नया निर्वाचन अधिकारी नामित करेंगे। यह अधिकृत अधिकारी प्रेस क्लब की कार्यकारिणी का पंजीकृत नियमावली के अनुसार पारदर्शी चुनाव संपन्न कराएगा और इसके लिए उसे सभी आवश्यक शक्तियां प्राप्त होंगी।

जानिए,क्यों रद्द हुआ चुनाव.
रजिस्ट्रार कार्यालय के आदेश में चुनाव रद्द करने के पीछे कई बड़े कारण बताए गए हैं
• रिकॉर्ड में भारी चूक: क्लब ने 1985 से लेकर 2025 तक के कई वर्षों की वार्षिक विवरणी (धारा 27) और आय-व्यय लेखा-जोखा (धारा 28) रजिस्ट्रार कार्यालय में जमा नहीं किया।
• नोटिस का जवाब नहीं: अधिनियम के उल्लंघन पर 11 सितंबर 2025 को भेजे गए नोटिस का संस्था ने आज तक कोई जवाब नहीं दिया।
• आपत्तियों को दरकिनार किया: चुनाव से पहले सदस्यों ने मतदाता सूची पर जो आपत्तियां दर्ज कराई थीं, निर्वाचन अधिकारी ने उनका निराकरण नहीं किया और उन्हें असत्य एवं सारहीन बताकर खारिज कर दिया।
• अधिकारी की मनमानी: निर्वाचन अधिकारी ने रजिस्ट्रार और सहायक पंजीयक, फर्म्स एवं संस्थाएँ, बिलासपुर द्वारा बार-बार भेजे गए पत्रों का संतोषजनक उत्तर नहीं दिया और 19 सितंबर 2025 को अवैधानिक सदस्यों के आधार पर चुनाव संपन्न करा दिया।
• रिपोर्ट जमा नहीं की: चुनाव होने के बाद भी निर्वाचन अधिकारी ने आज तक निर्वाचन प्रतिवेदन रजिस्ट्रार कार्यालय में जमा नहीं किया।
रजिस्ट्रार ने स्पष्ट किया कि इन गंभीर अनियमितताओं और उच्चाधिकारियों के पत्रों का जवाब न देने के कारण 19.09.2025 को हुए चुनाव को विधि मान्य नहीं माना जा सकता। यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम-1973 (संशोधित 1998) की धारा-33(ग) का उपयोग करते हुए की गई है।



