रायपुर. छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डाॅ. वर्णिका शर्मा ने प्रदेश में नगरीय क्षेत्रों में बच्चों के घटते हुए खेल के मैदानों पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने सभी कलेक्टर, नगर निगम आयुक्त व मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को अनुशंसा पत्र जारी करते हुए लिखा है कि नगरीय क्षेत्रों में खुले स्थानों/मैदानों का आमतौर पर व्यवसायिक उपयोग किया जाता है। दूसरी ओर यह भी पाया जा रहा है कि बच्चों में मोबाइल की लत बड़े पैमाने पर विकसित हुई है, जिसकी रोकथाम का एक कारगर उपाय बच्चों को खुले मैदान में खेले जाने के अवसर प्रदान करना है।
डॉ. वर्णिका शर्मा ने कहा है कि अनुशंसा की गई है कि बच्चों के खेल के मैदान जैसे – शाला से जुड़े मैदान आदि पर किसी भी प्रकार के व्यवसायिक उपयोग जैसे चौपाटी आदि के विकास की अनुमति प्रदान न की जाए। इन मैदानों को बच्चों के खेलने के लिए ही आरक्षित सुरक्षित रखा जाए। नगरीय क्षेत्र में जहां भी बच्चों के खुले में खेलने के लिए मैदान या क्षेत्र उपलब्ध है वहां नगरीय निकायों व जिला स्तर पर उपलब्ध अन्य धन राशि से अधिक से अधिक खेल की सुविधाएं विकसित की जाए।
उन्होंने कहा, खेल की सुविधाएं विकसित करते समय बहुआयामी खेलों की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए, जिससे सभी प्रकार के खेलों के प्रतिभाशाली बच्चों को अवसर मिल सके। प्रयास किया जाए कि शहर के भीतर प्रत्येक 1 किलोमीटर के दायरे में बच्चों के लिए खेल का मैदान व इंडोर खेल का परिसर उपलब्ध हो। नवीन आवासीय काॅलोनियों के निर्माण की अनुमति देते समय उसमें बच्चों के खेल के मैदान जिसमें बहुआयामी खेलों की सुविधा हो, का निर्माण व विकास करवाना काॅलोनाईजर के लिए अनिवार्य किया जाए। बच्चों के खेल के मैदान में यदि कोई भी अतिक्रमण हो तो उसे तत्काल हटाते हुए स्वच्छ खेल मैदान बच्चों को उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने अनुशंसा पर तत्काल आवश्यक कार्यवाही करते हुए आयोग को अवगत कराने की बात कही है।



