केन्द्र ने तीसरी बार लैंगिक उत्पीड़न के आरोपी आईपीएस पवन देव पर कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी..

बिलासपुर 18अक्टूबर -केन्द्रीय ग्रहमंत्रालय के बार बार दखल के बाद भी राज्य शासन लैंगिक उत्पीड़न मामले के आरोपी एडीजी और तत्कालीन बिलासपुर आईजी पवन देव के मामले मे सुध नही ले रहा है एक बार फिर केन्द्रीय ग्रहमंत्रालय ने शासन को पत्र भेजकर महिला सिपाही को देर रात बँगले बुलाये जाने और प्रताड़ित करने को लेकर अबतक हुई करवाई का हिसाब किताब माँगा है यह बताना लाजमी होगा की पहले दो बार राज्य शासन से जवाब तलब के लिये पत्र भेजा गया मगर कोई जवाब ना देकर मामला अधर मे लटका दिया गया वही तीसरी बार फिर से केन्द्रीय ग्रहमंत्रालय ने पत्र जारी किया है..

मुंगेली की एक महिला सिपाही को देर रात बँगले बुलाये जाने और उससे अश्लील बाते करने के मामले मे सुर्खिओं मे आये एडीजी और तत्कालीन बिलासपुर आईजी पवन देव के खिलाफ विशाखा कमेटी द्वारा की जाँच के बाद उन पर लैंगिक उत्पीड़न किया जाना तो सिध्द हो गया मगर प्रदेश सरकार द्वारा अबतक की गयी कारवाई का लेखा जोखा की रिपोर्ट शासन ने सेंट्रल होम मिनिस्ट्री को नही सौपी है 9अक्टूबर को तीसरी बार केंद्र सरकार के ग्रहमंत्रालय के अवर सचिव ने प्रदेश के प्रमुख सचिव (ग्रह) को पत्र जारी किया है जिसमे मामले मे हुई करवाई को लेकर फिर से जानकारी माँगी गयी है वही शिकायकर्ता से भी कारवाई की डिटेल देने कहा गया है इसके बावजूद ना जाने क्यो बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा लगाने वाली प्रदेश सरकार पवन देव को बचाकर कारवाई की रिपोर्ट देने से बच रही है 

एक नजर घटनाक्रम पर.. 

30 जून 2016 को मुंगेली जिले की एक महिला कॉन्स्टेबल ने आईजी पवन देव पर फ़ोन पर अश्लील बात करने और दबाव पूर्वक अपने बंगले बुलाने का आरोप लगा कर शिकायत की थी. इसके बाद राज्य सरकार ने IAS रेणु पिल्लै की अध्यक्षता में 4 सदस्यीय आंतरिक शिकायत समिति गठित की थी. 4 जुलाई 2016 को समिति ने जांच कर अपनी रिपोर्ट 2 दिसम्बर 2016 को डीजीपी को सौंप दी. समिति ने जांच में मुंगेली की महिला कॉन्स्टेबल द्वारा बिलासपुर के तत्कालीन आईजी पवन देव पर लगाए गए लैंगिक उत्पीड़न के आरोप को सही पाया था. महिला कॉन्स्टेबल द्वारा जांच रिपोर्ट के आधार पर पवन देव पर कानूनी कार्रवाई की मांग की गई थी और इसके लिए डीजीपी को ज्ञापन भेजा गया था. साथ ही ये हाई प्रोफ़ाइल मामला प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, राष्ट्रीय महिला आयोग तक भी पहुंचा.

जाँच हुई और.. 

जांच समिति द्वारा डीजीपी को सौंपी गई रिपोर्ट में महिला कॉन्स्टेबल की शिकायत को सही पाया गया रिपोर्ट मे पवन देव पर लगे सभी आरोपो को विशाखा कमेटी ने सिध्द कर लैंगिक उत्पीड़न का आरोपी ठहराया..

सिपाही का ये हाल तो आमलोगो का क्या होगा-अटल..

इस मामले मे कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री अटल श्रीवास्तव का कहना है की विशाखा कमेटी द्वारा की गयी जाँच मे पवन देव पर लैंगिक उत्पीड़न का अरोप सिद्ध हुआ है कानून सब के लिये एक है मगर सरकार उन्हे बचाने का प्रयास कर रही है अगर विभाग की महिला सिपाही को न्याय नही मिल रहा तो आमजन का क्या हाल होगा केंद्र के रिमाइंडर भेजने के बाद भी कारवाई की रिपोर्ट नही देना समझ से परे है पवन देव पर अवश्य कारवाई होनी चाहिये..

अब पीएम को पत्र नही तो कोर्ट की शरण..निरुपमा

पीड़िता की वकील निरुपमा बाजपेई की माने तो केन्द्र सरकार के द्वारा बार बार रिपोर्ट माँगे जाने के बाद भी राज्य सरकार क्यो गम्भीर नही है यह तो समझ से परे है हो सकता है दोनो का तालमेल भी इस मामले हो पीड़िता को न्याय दिलाने की लड़ाई जारी रहेगी वही इतना सब कुछ होने के बाद और पवन देव को प्रमोट करने के सवाल पर उनका कहना है की यही बात गले से नीचे नही उतरती इसके बाद भी आगे कारवाई नही हुई तो एक शिकायत पत्र पीएम को लिखा जाएगा नही तो कोर्ट के दरवाजे खुले है

बीत गये दस माह मगर कारवाई जीरो..

इस पूरे मामले को 10 माह बीत गये मगर अबतक कारवाई जीरो है कानूनविदो की माने तो ऐसे मामलो मे 60 दिन के भीतर विभाग प्रमुख को आरोपी व्यक्ति कारवाई करना होता है जिसमे महिलाओं का कार्य स्थल पर लैंगिक उत्पीड़न ( निवारण, प्रतिषेध, प्रतितोष ) अधिनियम 2013 के अनुसार शिकायत की जांच शामिल है..

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