छत्तीसगढ़ी फिल्म के प्रति जागरुकता जरूरी- अनुज..

बिलासपुर.छत्तीसगढ़ी में शायद ही कभी रैप सुना हो पद्मश्री अनुज शर्मा ने प्रेस वार्ता कर यह दावा किया कि रैप जैसी गायन शैली का विकास वर्षों पहले छत्तीसगढ़ में हो चुका है। यह हमारी गायन शैली की आधुनिक नहीं बल्कि पुरानी शैली है । छालीवुड के मशहूर कलाकार अनुज शर्मा ने पत्रकारों के बीच अपनी प्रस्तुति देकर सबका मनमोह लिया ।

अनुज इन दिनों बिलासपुर में एक फ़िल्म की शुटिंग के सिलसिले में सक्रिय हैं । अनुज ने पत्रकारों से अपनी फिजी यात्रा के संस्मरण को याद किया । बकौल अनुज फिजी एक ऐसा देश है जहां तकरीबन 40 फिसदी आबादी भारतीयों की है । इसलिए फिजी में अपने देश के तमाम हिस्सों की भाषाओं का एक समिश्रित भाषा इस्तेमाल होता है। अनुज ने कहा कि फिजी में छत्तीसगढ़ी भाषा और संस्कृति से प्यार करने वाले बहुत हैं। अनुज बीते दिनों अपनी टीम के साथ फिजी में प्रस्तुति देने पहुंचे थे ।उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में अभी फिल्मों के प्रति और जागरूकता के साथ-साथ समर्पण की जरूरत है । अनुज ने कहा सरकार को चाहिए कि वो प्राथमिकता के साथ स्थानीय फ़िल्म उद्योग को बढ़ावा दे । अनुज ने कहा कि यह खुशी की बात है कि छालीवुड की नकल अब भोजपुरी फिल्मी उद्योग भी करने लगी है और हमारा महत्व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ा है ।

You May Also Like

error: Content is protected !!