वायरलेस कम्युनिकेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, नवाचार और बौद्धिक संपदा अधिकारों पर विशेषज्ञों ने साझा किए अपने विचार

रायपुर. श्री शंकराचार्य इंस्टीट्यूट (एसएसआईपीएमटी) रायपुर ने “एक्सपोज़िशन” नामक प्रमुख तकनीकी कार्यक्रम का सफल आयोजन किया। यह कार्यक्रम वायरलेस कम्युनिकेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), इनोवेशन और इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स (आईपीआर) जैसे उभरते क्षेत्रों पर केंद्रित था। इस आयोजन का उद्देश्य उद्योग जगत, प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों, नवाचारकर्ताओं, संकाय सदस्यों और विद्यार्थियों को एक साझा मंच पर लाकर शिक्षा और वैश्विक तकनीकी परिवेश के बीच सेतु का निर्माण करना था।


कार्यक्रम में आईपी मिश्रा चेयरमैन एसजीईएस, जी. कीर्ति प्रोग्राम मैनेजर एसोचैम आईपीएफसी, नितिन शर्मा सीनियर डायरेक्टर (टेक्नोलॉजी/पेटेंट काउंसिल) Qualcomm, राम कृष्णन वाइस प्रेसिडेंट (इंजीनियरिंग) क्वालकॉम कैलिफोर्निया अमेरिका, निशांत त्रिपाठी चेयरमैन (बीजी) एसएसआईपीएमटी रायपुर, डॉ. आलोक कुमार जैन प्रिंसिपल एसएसआईपीएमटी रायपुर उपस्थित थे. सभी अतिथियों ने अपने बहुमूल्य विचार साझा किए.



नवाचार को बढ़ावा देने के लिए किया प्रेरित

उद्घाटन संबोधन में आईपी मिश्रा ने नवाचार को बढ़ावा देने और युवाओं को तकनीकी समाधान विकसित करने के लिए प्रेरित करने के महत्व पर प्रकाश डाला। जी. कीर्ति ने नवाचारों की सुरक्षा और उन्हें व्यावसायिक रूप देने में बौद्धिक संपदा अधिकारों (आईपीआर) की अहम भूमिका पर जोर देते हुए विद्यार्थियों को भविष्य के स्टार्टअप और रिसर्च में इसका लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया।



एआई टेक्नोलॉजी में नवीनतम प्रगति पर हुई चर्चा

मुख्य सत्र में नितिन शर्मा और राम कृष्णन ने वायरलेस कम्युनिकेशन और एआई टेक्नोलॉजी में नवीनतम प्रगति पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने क्वालकॉम के वैश्विक अनुसंधान के अनुभव साझा करते हुए विद्यार्थियों को इन क्षेत्रों में नई संभावनाओं की खोज के लिए प्रेरित किया। निशांत त्रिपाठी ने उद्योग और अकादमिक जगत के सहयोग की सराहना करते हुए छात्रों से ऐसे तकनीकी मंचों में सक्रिय भागीदारी की अपील की।


विद्यार्थियों ने सीधे विशेषज्ञों से किया संवाद

डॉ. आलोक कुमार जैन ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया और संस्था की ओर से विद्यार्थियों को भविष्य की तकनीकों में दक्ष बनाने के लिए ऐसे मंच उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता दोहराई। कार्यक्रम का समापन एक प्रभावशाली प्रश्नोत्तर सत्र के साथ हुआ, जिसमें विद्यार्थियों ने सीधे विशेषज्ञों से संवाद किया और अनुसंधान, नवाचार एवं पेटेंटिंग के संबंध में महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश प्राप्त किए।





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