पशु तस्करी के संदेह में भीड़ का हमला: मॉब लिंचिंग मामले में पुलिस ने 3 आरोपियों को दबोचा, अन्य फरार, पीड़ितों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी

बालोद। जिले के गुरुर थाना क्षेत्र में बीते दिनों पशु तस्करी के शक में भीड़ ने तीन युवकों के साथ जमकर मारपीट की। इस दौरान आरोपियों ने न सिर्फ पीड़ितों को वाहन से उतारकर बेरहमी से पीटा, बल्कि उनके कपड़े उतरवाकर उनके ऊपर पेशाब तक किया। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई और अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है, जबकि अन्य की तलाश जारी है।



पीड़ितों के अनुसार, धमतरी निवासी वेद प्रकाश साहू सहित तीन युवक वैध दस्तावेजों के साथ छह नग बछड़ों को टाटा एस (छोटा हाथी) वाहन में भरकर करहिभदर मवेशी बाजार ले जा रहे थे। रात करीब 11:15 बजे भरदा–पेवरों मार्ग पर कुछ लोगों ने उनकी गाड़ी को जबरन रोक लिया। इसके बाद उन्हें वाहन से नीचे उतारकर बेल्ट, डंडे और हाथ-मुक्कों से बेरहमी से पीटा गया। मारपीट के दौरान पीड़ितों के कपड़े उतार दिए गए और अपमानित करने की नीयत से उनके ऊपर पेशाब भी किया गया। हमले में तीनों युवक गंभीर रूप से घायल हो गए।पीड़ित वेद प्रकाश साहू ने बताया कि आज भी उनके शरीर पर मारपीट के निशान साफ दिखाई दे रहे हैं और वे मानसिक रूप से भी गहरे सदमे में हैं।


गौरतलब है कि घटना का वीडियो वायरल होने के बाद गुरुर पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अपराध पंजीबद्ध किया और आरोपियों की पहचान शुरू की। पुलिस ने अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जबकि अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।इस मामले को लेकर आज दोपहर साहू समाज के लोग गुरुर थाना पहुंचे और कड़ा विरोध दर्ज कराया। समाज के लोगों का कहना है कि उनके समाज के युवकों के साथ बेरहमी से मारपीट की गई है और घटना का वीडियो सामने होने के बावजूद अब तक सभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही शेष आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया, तो वे उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे।


वहीं, पुलिस का कहना है कि मामले की जांच निष्पक्ष रूप से की जा रही है। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि मवेशी ले जाने वाले युवकों के खिलाफ भी पशु क्रूरता अधिनियम के तहत नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। फिलहाल यह मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है और प्रशासन पर सभी आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी का दबाव बढ़ता जा रहा है।





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