'OMG' : रास गरबा के नाम पर मोटी रकम उगाहने वाले फंसे जीएसटी के चंगुल में.

10 हजार से वसूले 1500 से तीन हजार ... करोड़ों का खेल, जीएसटी देंगे हजारों में सेंध.


धर्म का धंधा: पंखिड़ा के प्रजाराज्यम को जीएसटी का नोटिस.


बिलासपुर . नवरात्रि पर्व पर धर्म के लिए रास गरबा, डांडिया के लिए उमड़ते युवाओं से धंधा करने का नया चलन हाल के ही वर्षों में शुरू हुआ है नहीं तो पहले यह सामाजिक रूप से निशुल्क और पवित्र भाव से होता था। अब धर्म के धंधे के लिए आयोजकों को पहले जीएसटी लेना पड़ता है। यानी इस धंधे में अठारह फीसदी की सरकार की भी हिस्सेदारी होती है। धंधेबाज इसको भी कमबेसी पटाकर चूना लगा रहे हैं।



धर्म के धंधे के लिए रायपुर रोड स्थित सेंट्रल पाइंट में दो दिन पहले हुए पंखिडा के आयोजक प्रजाराज्यम ग्रुप को नोटिस दिया गया है। बताते हैं कि इस ग्रुप ने पहले रजिस्ट्रेशन नहीं कराया था। लेकिन जीएसटी अफसरों की बीच में छानबीन की वजह से अस्थायी पंजीयन कराना

पड़ा।



करूणा ग्रुप के हिसाब किताब डब्बा गोल.


साइंस कालेज में जलसा डांडिया के करूणा ग्रुप ने भी अभी जीएसटी का हिसाब किताब नहीं दिया है। सत्ताधारी नेताओं को सामने रखकर भीड़ से रकम उगाहने वाले जीएसटी चोरी से भी अब बाज नहीं आ रहे हैं। इसके अलावा पुलिस प्रशासन को इनके लिए अलग से बेगारी करनी पड़ रही है और दूसरे लोगों को सडक़ों पर जाम से हलाकान होना पड़ रहा है। फिल्मी दुनिया और धारावाहिक किरदारों को दो चार लाख रूपए देकर ले आओ और काट लो हजारों लोगों की जेब। इस काम में अब नव धनाड्य लोग भी थैली लेकर आने लगे हैं।


आम के आम गुठली के दाम.


इस काम में आम के आम गुठली के दाम मिलते हैं, धर्म के नाम पर लहलहाती फसल देखकर नेता चले आते हैं और इनसे लाइजेनिंग और संबंध मजबूत होते हैं। ऊपर से दो चार दिनों में लाखों की कमाई हो जाती है। करुणा ग्रुप ने साइंस कालेज में तमन्ना भाटिया को बुलवाया था। इनको देखने शहर के लोग उमड़ पड़े लेकिन जब तक कार्यक्रम स्थल में लोग पहुंच पाते उसके पहले ही अदाकारा विदा हो गई। इसके चलते लोगों को घंटों जाम में फसना पड़ा। जाम इतना लंबा था कि दोनों तरफ की सडक़ में गाडिय़ों की लंबी कतार लग गई। अब सरकंडा क्षेत्र में स्थित साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित गरबा कार्यक्रम में इसे प्रशासन की चूक के रूप में बताया जा रहा है। जबकि यह मैदान सिर्फ आयोजन कर्ताओं के लिए आरक्षित रख दिया गया जहां पर मुश्किल से दस चार पहिया वाहन भी नहीं खड़े नहीं थे।


केंद्रीय मंत्री का काफिला पहले फिर एंबुलेंस.


सड़क के दोनों और लगे जाम में लंबी दूरी तक सिर्फ और सिर्फ गाडिय़ा ही गाडिय़ा नजर आ रही थी। इसके कारण कई बार सडक़ में लगे जाम में एंबुलेंस फंसी रही। धीरे धीरे चींटी की चाल में एंबुलेंस चलती रही। दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री को कार्यक्रम में लाने के लिए शहर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक खुद उनके काफिले के आगे आगे सायरन बजाते हुए पायलटिंग करते हुए नजर आए। लेकिन यातायात पुलिस विभाग का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी नजर नहीं आया जो एंबुलेंस का रास्ता क्लियर करता।


प्रजाराज्यम का नहीं मिला लेखा जोखा- टोप्पो.


जीएसटी की अस्सिटेंट कमिश्रर नीलमणि टोप्पों ने कहा कि प्रजाराज्यम ग्रुप का पंजीयन नहीं था। उन्होंने खुद आयोजन में विजिट किया है वीडियोग्राफी भी कराई गई है। इसके बाद आयोजकों ने अस्थायी जीएसटी पंजीयन

कराया है। उनका लेखाजोखा अभी नहीं मिला है।





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