'OMG' : प्रदेश के राम राज्य में पुराने बस स्टैंड में रावण को मरने के लिए मुनासिब जगह भी नहीं मिली.

बिलासपुर. प्रदेश के राम राज्य में 51 साल बाद रावण को मरने के लिए मुनासिब जगह तक नहीं मिली और जिला- पुलिस प्रशासन की जिद के कारण जगह को बदल कर रावण का क्रिया करम करना पड़ा, मामला पुराने बस स्टैंड में रावण दहन कार्यक्रम का है। जिसमें आयोजकों को जिला और पुलिस प्रशासन के सामने जगह को लेकर गिड़गिड़ाना तक पड़ा।


सुनकर और देखकर बड़ा आश्चर्य होगा लेकिन ये सच है कि इस साल के विजयादशमी के मौके पर पुराना बस स्टैंड श्री हनुमान मंदिर के पास होने वाले रावण दहन कार्यक्रम का जिला और पुलिस प्रशासन की जिद के आगे रूट बदलना पड़ा। प्रदेश के राम राज्य में 51 साल बाद आज पहली बार रावण का क्रिया करम रावण दहन समिति के आयोजकों द्वारा तय समय शाम 7.30 के अनुसार नगर विधायक व पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल द्वारा किया जाएगा। गुरुवार को पुराना बस स्टैंड रोड़ से गुजरने वालों के लिए यह मुद्दा कौतूहल का विषय बना हुआ है।


जब 'OMG NEWS NETWORK' इस मामले की पड़ताल कि तो पता चला कि जिला और पुलिस प्रशासन इस बार लगातार श्री हनुमान मंदिर के पास रावण दहन नही करने को लेकर दबाव बना रहा था। जिला और पुलिस प्रशासन के अफसरों का कहना है कि इस बार श्री हनुमान मंदिर के पास रावण दहन की जगह ठीक नहीं है इसलिए इमलीपारा से रघुराज स्टेडियम को जोड़ने वाली सड़क के किनारे प्रशासन द्वारा ढहाई गई दुकानों के साइड में रावण दहन किया जाए। जबकि पुराना बस स्टैंड के रावण दहन दशहरा उत्सव समिति के आयोजकों की माने तो इस बात को लेकर कई बार जिला प्रशासन से गुहार लगाई कि 51 सालों की परंपरा को न तोड़ जाए और पुरानी जगह पर ही रावण दहन करने की अनुमति दी जाए। इससे कोई समस्या न पहले उत्पन हुई है न अब होगी। इसके बाद भी जिला और पुलिस प्रशासन ने एक न सुनी और रावण दहन कार्यक्रम का उल्टा रूट बदल दिया।



स्वर्गीय सत्तू काछी ने की थी शुरुआत.

बताया जाता है कि पुराना बस स्टैंड अभी जिस स्थान पर श्री हनुमान का मंदिर है उस जगह पर कश्यप कॉलोनी निवासी स्वर्गीय सत्तू काछी ने रावण दहन कार्यक्रम की शुरुआत की थी फिर यह परंपरा चल पड़ी और उनके नहीं रहने के बाद इस जिम्मा युवाओं ने उठाया और बदलते राजनीतिक समीकरण को साथ लेकर पुरानी जगह पर रावण दहन का कार्यक्रम करते रहे।


कई बार आए अफसर लेकिन कुछ नहीं हुआ.


पुराना बस स्टैंड के रावण दहन दशहरा उत्सव समिति के आयोजकों ने बताया कि इस मसले को लेकर उन्होंने व्यापारियों के साथ मिलकर पुरानी जगह यानी श्री हनुमान मंदिर के पास रावण दहन कार्यक्रम करने की अनुमति मांगी आवेदन दिया। इसके बाद कई बार जिला प्रशासन के अफसर आए और मौके का मुआयना किया। लेकिन हमारी एक न सुनी गई और जिला और पुलिस प्रशासन की मनमानी ही चली और एक तरह से कहा जाए तो श्री हनुमान जी की देखरेख ने 51 वर्षों से चली आ रही परंपरा जिला और पुलिस प्रशासन की जिद के आगे आखिर टूट ही गई वही रावण दहन कार्यक्रम का रूट बदले जाने को को लेकर जिला व पुलिस प्रशासन से संपर्क नहीं हो पाया है।


तीनों थानों की पुलिस ने घेरा.


रावण दहन दशहरा उत्सव समिति का आरोप है कि रावण दहन कार्यक्रम का रूट बदलवाने को लेकर अड़े अफसरों ने पुरानी जगह पर आयोजन न हो इसे लेकर तीनों थानों की पुलिस को लगा रखा था। कभी इधर तो कभी उधर थाने की पेट्रोलिंग आकर कार्यक्रम की रूप रेखा पर नजर बनाए रहती थी। कई प्रयास के बाद जब समझ आ गया कि जिला और पुलिस प्रशासन अपनी जिद पर अड़ा हुआ है तो हमने पहले ही उनकी मर्जी के आगे रूट बदल कर रावण दहन कार्यक्रम का मन बना लिया था।










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