मुंह फट

" रवि शुक्ला "


कद्दावर मंत्री की फांस निकली पूजा पाठ से.


पड़ोसी जिले के कद्दावर और साय साय मंत्री आरएसएस द्वारा बिठाए गए पीए की वजह से खुलकर बैटिंग नहीं कर पा रहे थे। लिहाजा चिंगराजपारा के पंडित, पुरोहित से पूजा पाठ,हवन करवाना पड़ा। राम राज्य में वैसे भी पूजा पाठ फलदाई है और एक ही दो माह में पट से फल मिल भी गया।


आरएसएस के लड्डू गोपाल प्रदेश के कद्दावर मंत्री के लिए ऐसे फांस बने की पूछो मत, जाहिर सी बात है कद्दावर मंत्री बनने के बाद बड़े बड़े लोगों का मंत्रालय और बंगले आना शुरू होगा ही,जिसकी जानकारी आरएसएस, संगठन और शीर्ष नेताओं तक पहुंचने लगी और आरएसएस की आंख,नाक के सामने गोपनीयता भंग होता देख फांस को निकालना जरूरी हो गया ताकि साय सरकार की पिच पर धुंआधार बैटिंग हो सके फिर क्या पूजा पाठ और हवन, वैसे भी राम राज्य में सनातन राह पकड़,होम हवन जरूरी है जिसका फल भी पट से मिल जाता है।


सुशासन सरकार का मिशन चाइना गेट.


एक समय अपने नाम का भौकाल मचा चुके पुराने खटराल थानेदार (अब डीएसपी) को प्रमोट करते ही साय सरकार ने उन्होंने सुशासन का पाठ पढ़ाने बस्तर भेज दिया। बॉलीवुड की एक चर्चित फिल्म चाइना गेट के कलाकारों की तरह अपनी उम्र का एक पड़ाव पड़ कर चुके टीम 21 के डीएसपी जागीरा के तौर पर नक्सलियों से दो दो हाथ तो नहीं बल्कि उनके माओवाद से जुड़ने के रास्ते को पढ़ रहे है।


क्योंकि विष्णु देव के चक्र ने नक्सलवाद पर काफी काबू जो पा लिया है और अच्छा भी है झुकी कमर से हथियारों का बोझ उठाना जरा.


सब से अच्छी बात तो यह है कि इनकी काबिलियत को भांप सरकार ने टीम 21 में जाने माने चेहरों को जगह दी और चुन चुन को सभी को बस्तर के भीतर इलाकों में भेजा है। कोई विशेष काम तो नहीं मगर नए पुलिस रेगुलेशन के साथ बच्चों के स्कूल जाकर ज्ञान देने का काम जरूर हो रहा है। अब चाहे एक महीना पूरा कर इसकी वापसी हो या केंद्रीय गृह मंत्री शाह के मिशन 2026 तक भगवान ही मालिक हैं।


महा पावर की घंटी और सब का भला.


बताओ भला,जनता हल्ला मचाते रहती है और राजनेता, लोकल नेता अपनी गाय दुहते मस्त.ये पार्टी मेरी वो नेता मेरा और मिलना जुलना कुछ नहीं बस गला फाड़ते रहे और ज्यादा हुआ तो पुलिस की लाठी से बेदम पिटाई भी.

खैर अपनी अपनी विचारधारा है। शहर के आखरी छोर के चारों तरफ अवैध प्लाटिंग, ईट भट्टे और रेत डंपिंग की भरमार है और हो भी क्यों नहीं, सब मिली जुली सरकार ही तो है।


भीतर झांकोगे तो कोई फलाना फुल छाप कांग्रेसी का है तो कोई ढेकाने नेता का. जब हो हल्ला होता है तो दिखावे की कारवाई, चर्चा है कि ऐसे ही कई ठिकाने पक्ष और विपक्ष के नेताओं की मेहरबानी से चल रहे हैं। दिखावे की कारवाई और मिडिया में छपाई, एक के लिए तो ऐसा महा पावर फोन आया कि अफसर उधर देखना पसंद नहीं कर रहे हैं। अफसर भी जानते हैं कि महा पावर वाले ठिकानों के लिए फोन की घंटी बजने के बाद गलती से नजर टेढ़ी कि तो आंखों में मोतियाबिंद होने का खतरा बढ़ जाएगा।


कांग्रेसियों में सिरफुटव्वल.


राज्य में नगरीय निकाय चुनावों के बाद कांग्रेस पार्टी में की शर्मनाक हार के बाद एक दौर चला,इसे निकाल दो उसे नोटिस दो और निष्कासन.बड़े नेताओं ने खुद की जिम्मेदारी तय न कर जमीनी स्तर के कर्मठ कार्यकर्ताओं को अपनी आपसी लड़ाई के चलते पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। जिले के संगठन ने अब ऐसा चल रहा है कि एक आंख से शहर देखने वाले तो लबारी से भरे ग्रामीण वाले एक दूसरे से विजय पर विजय पाने भीड़ रहे हैं।


जिसके कारण आईटी सेल और अन्य जमीनी स्तर के कर्मठ कार्यकर्ताओं को पार्टी में वापसी नहीं हो पा रही है।

सिरफुटव्वल की स्थिति बनी हुई है इसलिए कोई कुछ कहना भी नहीं चाह रहा है सब कुछ खामोशी से झेल पार्टी से बाहर हुए सिपाहियों के बस मुंह से एक ही बात निकल रही है,हो गया अब फिर नहीं आएंगे टाटा बॉय बॉय.


देव की अदाकारी और कुमार साहब का दिया.


जिला पुलिस बल में इन दिनों एक देव, मन भर वसूली अवतार लिए चर्चा में आए है। वैसे देव के आनंद की मायाजाल जाल बहुत पुरानी है। क्या नए क्या पुराने सब के खास और अफसरों को वसूली का टेस्ट चखवाने माहिर,जो है जहां है सारा ले आओ फिर क्या शहर और क्या देहात, अब देव स्वरूप है तो नेटवर्क भी तगड़ा है ऐसे कई मामले हैं। जिसमें सिपाही से लेकर हवलदारी तक अफसरों की नाक ऊंची न किया हो।


तमामखूबियों से लबरेज, कोई बता रहा था कि किसी कुमार साहब के रौशनी की आड़ में वसूली के दिए की बत्ती जल ही नहीं रही बल्कि जमकर उजाला कर रही है। सारा खेल उनका और कलेक्शन की जिम्मेदारी इनकी,एक पुरानी खटारा का भी पूरी पिक्चर में अहम रोल है। जो बिना नंबर के मालदार वसूली पार्टी तक बेधड़क पहुंच जाती है। वैसे ये डिपार्टमेंट ही ऐसा है जो करे काम वही तो है बदनाम तभी तो रिजल्ट आईपीएल क्रिकेट के सटोरियों की धर पकड़ में जिला अव्व रहा।


एक बात हौले से.


कहते हैं नकल के लिए अकल की जरूरत होती है। कका के बिट्टू को ईडी ने गिरफ्तार क्या किया। कई कांग्रेसी कका से अपनी करीबी दिखाने चले मुरारी हीरो बनने की तर्ज पर खुद को शो करने जुट गए। अब जिले के एक युवा कांग्रेसी पंडित जी को ही देख लो, कका की शान और गिरफ्तारी की दास्तान पर प्रदेश के सीनियर पत्रकार राजकुमार की कलम क्या चली,कुछ कांग्रेसी उसे कॉपी पेस्ट कर खुद को साबित करने में लग गए और लेखन के अंतिम में अपना नाम डाल दिया। जैसे शाहरुख खान की स्टोरी इन्होंने ही तैयार की हो,बहुत खूब.







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