भानुप्रतापपुर : कांकेर जिले में ईसाई धर्म अपना चुके मैनु राम के अंतिम संस्कार को लेकर परिजनों और ग्रामीणों में विवाद की स्थिति बन गई. ग्रामीणों का कहना था कि गांव की सीमा के भीतर धर्मांतरित व्यक्ति के अंतिम संस्कार से संस्कृति और रीति-रिवाज प्रभावित होंगे. दुर्गूकोंदल पुलिस की समझाइश के बावजूद ग्रामीण नहीं माने तब परिजन मृतक के शव को भानुप्रतापपुर लेकर आए. जहां तीन दिन पुराने शव का अंतिम संस्कार हो पाया.
जानकारी के मुताबिक, पूरा मामला दुर्गूकोंदल विकासखंड के कोदा पाखा गांव का है. मैनु राम की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. इसके बाद परिजनों ने मृतक का अंतिम संस्कार गांव की अपनी जमीन पर करने की तैयारी की, लेकिन ग्रामीणों ने इसका विरोध कर दिया. ग्रामीणों ने गांव की सीमा के भीतर धर्मांतरित व्यक्ति का अंतिम संस्कार नहीं होने दिया जाएगा, क्योंकि इससे उनकी संस्कृति और रीति-रिवाज प्रभावित होंगे. इसकी सूचना परिजनों ने दुर्गूकोंदल थाने को दी. पुलिस ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने.
प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद हुआ अंतिम संस्कार
इसके बाद मृतक के शव को भानुप्रतापपुर स्थित मसीही समाज के कब्रिस्तान लाया गया, यहां भी स्थानीय लोगों ने आपत्ति जताई. विवाद बढ़ने पर नगर पंचायत अध्यक्ष निखिल सिंह राठौर, मसीही समाज के अध्यक्ष जितेंद्र बेंजामिन समेत कई लोग एसडीएम कार्यालय पहुंचे और अपनी बातें रखीं. परिस्थिति को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और एसडीएम भानुप्रतापपुर ने हस्तक्षेप किया. देर शाम इस बार मृतक का अंतिम संस्कार मसीही कब्रिस्तान में किया जाने पर सहमति तो बन गई, लेकिन भविष्य में वहां ऐसे अंतिम संस्कार करने नहीं दिया जाएगा. इसके बाद देर रात खराब मौसम के बीच प्रशासन और पुलिस की मौजूदगी में शव का अंतिम संस्कार कराया गया.



