अब सुनामी और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा का पता पहले से लग जायेगा , पानी के अंदर लगेगा स्मार्ट सेंसर

भारत में अब सुनामी और भूकंप जैसी प्राकृतिक का पहले से पता चल जायेगा। भारत इसके लिए एक बड़ी योजना पर काम कर रहा है। इसके तहत एक स्मार्ट सेंसर बनाया जा रहा है, जो हिंद महासागर में 275 किलोमीटर लंबे केबल के साथ पानी के अंदर सुनामी और भूकंप पूर्व चेतावनी प्रणाली को विकसित करेगा। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, यह प्रणाली कामयाब हुई तो भूकंपीय गतिविधि, पनडुब्बी भूस्खलन और गहरे समुद्र के खतरे का पता लगाने का तरीका बदल देगा।


हैदराबाद में चल रहा है काम

रिपोर्ट के मुताबिक, यह योजना अभी प्रस्ताव के लिए अनुरोध के चरण में है। इस पर हैदराबाद का भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (इनकॉइस) काम कर रहा है। इनकॉइस के निदेशक टीएम बालकृष्णन नायर कहते हैं कि अभी इस क्षेत्र की निगरानी सुनामी बुओ से होती है, लेकिन डाटा इनकॉइस में भारतीय सुनामी प्रारंभिक चेतावनी केंद्र को भेजा जाता है। नायर कहते हैं कि बुओ को बनाए रखना चुनौतीपूर्ण है, इसलिए यह प्रणाली अधिक विश्वसनीय होगी।

कैसे काम करेगा स्मार्ट सेंसर?

पानी के अंदर सेंसर युक्त संचार केबल को अंडमान द्वीप समूह से भूकंपीय रूप से सक्रिय अंडमान-निकोबार सब-डक्शन जोन तक हिंद महासागर में 2,500 मीटर की गहराई तक बिछाया जाएगा। केबल में बॉटम प्रेशर रिकॉर्डर, सीस्मोमीटर, टिल्ट मीटर और हाइड्रोफोन युक्त सेंसर का सेट होगा, जिससे भूकंपीय गतिविधि, समुद्र के नीचे भूस्खलन और अचानक दबाव में बदलाव की निगरानी होगी। अंडमान द्वीप में तटीय स्टेशन भी बनेगा और अलर्ट के लिए संचार केबल हैदराबाद में डेटा प्रोसेसिंग सेंटर से जुड़ेगा।





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