नारायणपुर . 45 वर्षों बाद लिंगेश्वरी मां की गुफा का द्वार खुला है. भादो एकादशी पर ही यह गुफा श्रद्धालुओं के लिए खोली जाती है. हजारों की संख्या में लोग दर्शन के लिए पहुंचे हैं. पूरी गुफा को फूलों और दीयों से सजाया गया है. यह स्थान धार्मिक पर्यटन के लिए महत्वपूर्ण है. स्थानीय लोगों ने व्यवस्था में सहयोग दिया है. प्रशासन ने सुरक्षा और सुविधा का खास ध्यान रखा है. गुफा के खुलने से लोगों में उल्लास और भक्ति का माहौल है. इससे क्षेत्र में पर्यटन और रोजगार की संभावना बढ़ी है. यह आयोजन धार्मिक आस्था का जीवंत उदाहरण बन गया है.
सुकमा में पुलिस को नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी सफलता मिली है. एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए 16 नक्सली गिरफ्तार किए गए हैं. इनके पास से भारी मात्रा में विस्फोटक और हथियार बरामद हुए हैं. पुलिस का कहना है कि ये नक्सली कई बड़ी घटनाओं में शामिल थे. यह कार्रवाई इलाके में शांति स्थापित करने की दिशा में अहम मानी जा रही है. ग्रामीणों ने भी पुलिस को इस अभियान में सहयोग दिया. ऑपरेशन के दौरान किसी जवान को चोट नहीं आई. सुरक्षाबलों का मनोबल इस सफलता से बढ़ा है. इलाके में अब सघन सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. यह गिरफ्तारी नक्सल नेटवर्क पर बड़ा प्रहार है.
ग्रामीणों ने नक्सली हिंसा के विरोध में किया चक्काजाम
नक्सल हिंसा के खिलाफ सुकमा में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है. मुखबिरी के शक में दो ग्रामीणों की नक्सलियों ने बेरहमी से हत्या कर दी. इस घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीण शव को थाने लेकर पहुंच गए. ग्रामीणों ने थाने के सामने चक्का जाम कर नारेबाजी की. महिलाएं भी बड़ी संख्या में विरोध में शामिल हुईं. लोगों ने प्रशासन से कहा कि अब डर नहीं, जवाब चाहिए. पहली बार नक्सल आतंक के खिलाफ खुलकर विरोध सामने आया है. ग्रामीणों ने कहा कि अब चुप नहीं बैठेंगे, हक लेकर रहेंगे. प्रशासन से मुआवजा और सुरक्षा की मांग की गई है. यह जनजागृति नक्सलवाद के अंत की शुरुआत हो सकती है.
दंतेवाड़ा जिला – माओवादियों का शिक्षा पर हमला
दंतेवाड़ा में माओवादी अब शिक्षा को भी निशाना बना रहे हैं. आदिवासी इलाकों के स्कूलों में शिक्षकों को धमकी दी जा रही है. 28 साल की सेवा के बाद भी 16 शिक्षक नौकरी छोड़ चुके हैं. ग्रामीणों ने माओवादियों से अपील की कि बच्चों का भविष्य न छीनें. शिक्षकों का कहना है कि जान बचाना अब पहली प्राथमिकता है. बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है. महिला शिक्षक खासतौर पर डर के साए में हैं. शासन अब तक सुरक्षा देने में असफल रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल वीरान हो रहे हैं. शिक्षा को बचाना अब समाज और सरकार की जिम्मेदारी है.
बीजापुर जिला – रेल लाइन सर्वे पर ग्रामीणों का विरोध
बीजापुर जिले में रेल लाइन परियोजना को लेकर बवाल मचा हुआ है. कोत्तागुड़म-किंदलूर रेल लाइन के सर्वे को ग्रामीणों ने रोक दिया. लोगों का कहना है कि यह सर्वे बिना सहमति के किया जा रहा है. ग्रामीणों ने कलेक्टोरेट में प्रदर्शन कर सर्वे बंद करने की मांग की. उन्होंने आरोप लगाया कि यह ज़मीन कब्ज़े की साजिश है. वनभूमि से लोगों का जीवन और जीविका जुड़ा है. स्थानीय युवा भी इस आंदोलन में बढ़-चढ़कर शामिल हुए. लोगों ने वैकल्पिक योजना बनाने की मांग की है. अगर बात नहीं सुनी गई तो बड़ा आंदोलन होगा. यह आदिवासी अधिकारों की रक्षा की लड़ाई है.
जगदलपुर – न्यायपालिका की ऐतिहासिक पहल
जगदलपुर में न्यायपालिका ने प्रशासन की मनमानी पर सख्त रुख अपनाया है. पूर्व IAS कुंजाम ने आदिवासी युवाओं के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला दिया है. झूठे केस में फंसे युवाओं को कोर्ट ने राहत दी है. यह फैसला 1998 से लंबित मामलों में आया है.कुंजाम ने कहा कि यह संविधान की आत्मा की रक्षा है. हजारों आदिवासी युवाओं ने इस फैसले का स्वागत किया है. अब प्रशासनिक एजेंसियों की भूमिका पर सवाल उठे हैं. जनहित में दिया गया यह फैसला आदिवासियों के पक्ष में मील का पत्थर है. पीड़ितों और उनके परिवारों में राहत की लहर है. यह निर्णय न्याय के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ाएगा.
कोंडागांव जिला – जिला अस्पताल की बदहाली पर विरोध
कोंडागांव में युवा कांग्रेस ने जिला अस्पताल की स्थिति पर आवाज उठाई है..अस्पताल में डॉक्टरों और स्टाफ की भारी कमी है. मरीजों को इलाज के लिए निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ता है. अस्पताल में सफाई और दवा की भी भारी किल्लत है. युवा कांग्रेस ने CMHO को ज्ञापन सौंपा है. उनका कहना है कि स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे. जल्द सुधार नहीं हुआ तो बड़ा आंदोलन होगा. ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीज सबसे ज्यादा परेशान हैं. अस्पताल की बदहाली सरकार की योजनाओं की पोल खोलती है. अब जनता ने भी आवाज उठानी शुरू कर दी है.
सुकमा जिला – शिक्षा कर्मियों का खून से लिखा गया पत्र
सुकमा में शिक्षा कर्मियों ने आंदोलन का अनोखा तरीका अपनाया है. 15 दिनों से चल रहे धरने में 900 से अधिक कर्मी शामिल हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को खून से पत्र लिखा है. इनकी मांग है कि उन्हें नियमित कर्मचारी बनाया जाए. कर्मियों ने कहा कि सालों से सेवाएं दे रहे हैं लेकिन पहचान नहीं मिली. इस आंदोलन में महिला शिक्षक भी बड़ी संख्या में हैं. प्रदर्शन शांतिपूर्ण है लेकिन गहरा आक्रोश साफ झलकता है. सरकार की बेरुखी से कर्मी मानसिक तनाव में हैं. शिक्षा व्यवस्था भी इससे प्रभावित हो रही है. यदि जल्द सुनवाई नहीं हुई तो आंदोलन और तेज होगा.
बीजापुर जिला – अधूरा पुल बना ग्रामीणों के लिए मुसीबत
बीजापुर में एक अधूरा पुल ग्रामीणों की जान का खतरा बन गया है. चार साल पहले बनी यह पुलिया आज तक पूरी नहीं हो सकी. हाल ही में आई बाढ़ में इसका एक हिस्सा बह गया. नक्सलियों के डर से ठेकेदार स्लैब डालने नहीं आ रहा. यह पुल कुटरू से डब्बा और गुड़रगुड़ा को जोड़ता है. ग्रामीणों को नदी पार करने में जान जोखिम में डालनी पड़ती है. स्कूल, बाजार और अस्पताल पहुंचना बहुत मुश्किल हो गया है. प्रशासन बार-बार वादा करता है लेकिन काम नहीं होता. ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. यह अधूरा विकास अब लोगों की जिंदगी पर भारी पड़ रहा है.
दंतेवाड़ा जिला – स्कूल में कंप्यूटर चोरी, फाइलें डिलीट
दंतेवाड़ा के एक सरकारी स्कूल में चौंकाने वाली चोरी हुई है. स्कूल के कंप्यूटर चोरी कर लिए गए और बच्चों की फाइलें डिलीट कर दी गईं. यह सब रात के समय हुआ जब सुरक्षा का कोई इंतज़ाम नहीं था. चार साल पहले लगे सीसीटीवी कैमरे भी काम नहीं कर रहे थे. शिक्षकों ने कहा कि स्कूल की सुरक्षा में भारी चूक हुई है. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. बच्चों के प्रोजेक्ट और रिपोर्ट्स का डेटा चला गया है. अभिभावक भी इस लापरवाही से नाराज़ हैं. स्कूलों में साइबर और भौतिक सुरक्षा दोनों की ज़रूरत है. यह घटना प्रशासन के प्रति गंभीर सवाल खड़े करती है.



