रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले मामले में 28 आबकारी अधिकारियों के खिलाफ आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने विशेष कोर्ट में करीब 2300 पन्नों का चालान पेश किया है, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। अब विशेष कोर्ट ने सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश होने का नोटिस जारी किया है। बता दें कि शराब घोटाला मामले के सभी 28 आरोपियों का चालान कोर्ट में प्रस्तुत करने से पहले न्यायालय में पेश होने के लिए समन जारी किया गया था, लेकिन कोई भी आरोपी पेश नहीं हुए। इसके बाद अब EOW की विशेष कोर्ट ने सभी आरोपियों को नोटिस जारी कर 20 जुलाई को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है।
EOW ने शराब घोटाले में इन अधिकारियों को बनाया है आरोपी:
- जनार्दन कौरव, सहायक जिला आबकारी अधिकारी
- अनिमेष नेताम, उपायुक्त आबकारी
- विजय सेन शर्मा, उपायुक्त आबकारी
- अरविंद कुमार पाटले, उपायुक्त आबकारी
- प्रमोद कुमार नेताम, सहायक आयुक्त आबकारी
- रामकृष्ण मिश्रा, सहायक आयुक्त आबकारी
- विकास कुमार गोस्वामी, सहायक आयुक्त आबकारी
- इकबाल खान, जिला आबकारी अधिकारी
- नितिन खंडुजा, सहायक जिला आबकारी अधिकारी
- नवीन प्रताप सिंह तोमर, सहायक आयुक्त आबकारी
- मंजुश्री कसेर, सहायक आबकारी अधिकारी
- सौरभ बख्शी, सहायक आयुक्त आबकारी
- दिनकर वासनिक, सहायक आयुक्त आबकारी
- मोहित कुमार जायसवाल, जिला आबकारी अधिकारी
- नीतू नोतानी ठाकुर, उपायुक्त आबकारी
- गरीबपाल सिंह दर्दी, जिला आबकारी अधिकारी
- नोहर सिंह ठाकुर, उपायुक्त आबकारी
- सोनल नेताम, सहायक आयुक्त आबकारी
- प्रकाश पाल, सहायक आयुक्त आबकारी
- अलेख राम सिदार, सहायक आयुक्त आबकारी
- आशीष कोसम, सहायक आयुक्त आबकारी
- ए.के. सिंह, जिला आबकारी अधिकारी (सेवानिवृत्त)
- राजेश जायसवाल, सहायक आयुक्त आबकारी
- जे.आर. मंडावी, जिला आबकारी अधिकारी (सेवानिवृत्त)
- जी.एस. नुरुटी, सहायक आयुक्त आबकारी (सेवानिवृत्त)
- देवलाल वैद्य, जिला आबकारी अधिकारी (सेवानिवृत्त)
- ए.के. अनंत, जिला आबकारी अधिकारी (सेवानिवृत्त)
- वेदराम लहरे, सहायक आयुक्त आबकारी (सेवानिवृत्त)
- एल.एल. ध्रुव, सहायक आयुक्त आबकारी (सेवानिवृत्त)
पूर्व मंत्री को घोटाले में मिले 64 करोड़ रुपये
शराब घोटाला मामले की जांच में अब तक यह सामने आया है कि पूर्व मंत्री कवासी लखमा के संरक्षण में विभागीय अधिकारियों, सहयोगियों और ठेकेदारों के माध्यम से यह सुनियोजित घोटाला किया गया। इस घोटाले से प्राप्त रकम को व्यक्तिगत और पारिवारिक हितों में खर्च किया गया, जिससे उन्हें अनुचित आर्थिक लाभ प्राप्त हुआ। अब तक तीन पूरक अभियोग पत्रों सहित कुल चार अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किए जा चुके हैं। इस मामले में अब तक 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जांच जारी है।
21 जनवरी से जेल में हैं कवासी लखमा
गौरतलब है कि शराब घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 15 जनवरी को कवासी लखमा को गिरफ्तार किया था। इससे पहले उनसे दो बार ED कार्यालय बुलाकर पूछताछ की गई थी। गिरफ्तारी से पहले उन्हें 7 दिन की कस्टोडियल रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई थी। उसके बाद 21 जनवरी से 4 फरवरी तक उन्हें 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेजा गया था। पिछली सुनवाई के दौरान जेल में पर्याप्त सुरक्षा बल नहीं होने के कारण उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने फिर उनकी रिमांड 18 फरवरी तक बढ़ा दी थी।
क्या है शराब घोटाला?
तत्कालीन भूपेश सरकार में पूर्व IAS अनिल टुटेजा, उनके बेटे यश टुटेजा और मुख्यमंत्री सचिवालय की तत्कालीन उपसचिव सौम्या चौरसिया के खिलाफ आयकर विभाग ने 11 मई 2022 को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया था कि छत्तीसगढ़ में रिश्वतखोरी और अवैध दलाली का बड़ा नेटवर्क चल रहा है। इसमें रायपुर महापौर रहे एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर के अवैध वसूली में शामिल होने का आरोप था। याचिका के आधार पर ED ने 18 नवंबर 2022 को PMLA एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। जांच में सामने आया कि 2161 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। ED की चार्जशीट में बताया गया है कि कैसे अनवर ढेबर के आपराधिक सिंडिकेट के जरिए आबकारी विभाग में भारी भरकम भ्रष्टाचार हुआ। 2017 में आबकारी नीति में बदलाव कर CSMCL के जरिए शराब बिक्री का प्रावधान किया गया, लेकिन 2019 के बाद अनवर ढेबर ने अरुणपति त्रिपाठी को CSMCL का एमडी नियुक्त करवाया और अधिकारियों, व्यापारियों व नेताओं के गठजोड़ से घोटाले को अंजाम दिया गया।



