दुर्ग। जिले में अब युक्तियुक्तकरण में शिक्षकों द्वारा अपील किए जाने की समय सीमा समाप्त होने के बाद जिले में 147 आवेदनों में सिर्फ 9 आवेदनों पर सुनवाई जिला स्तरीय समिति ने कर ली है. उसके बाद अगर 138 शिक्षकों ने ज्वाइनिंग नहीं ली तो उनपर निलबंन की तलवार लटक सकती है.
दरअसल, अपील में शिक्षकों ने विषय परिवर्तन, गंभीर बीमारी से पीड़ित होने, घर से 60 से 70 किलोमीटर दूर होने, वरिष्ठता क्रम में अनदेखी आदि की बात कही थी. जिला स्तरीय समिति ने 9 प्रकरणों को मान्य किया. जारी सूची में सुधार करते हुए उन्हें उनके मूल स्थान पर भेजने की कार्रवाई की गई. वहीं समिति ने 138 प्रकरणों को अमान्य कर दिया.
जिला स्तरीय समिति में सुनवाई के दौरान ही युक्तियुक्तकरण से प्रभावित शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई. वहीं नए स्थान पर ज्वाइनिंग नहीं दी. इससे स्कूलों की पढ़ाई समेत प्रशासनिक कार्य प्रभावित होने लगे. इसे देखते हुए 16 जुलाई को जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी शिक्षकों के लिए सामान्य सर्कुलर जारी किया. इसमें उन्हें 18 जुलाई तक नए स्थानों में ज्वाइन करने कहा गया.
11 पेज के सर्कुलर में उन शिक्षकों के नाम की सूची भी जारी की गई, जिनके प्रकरण अमान्य किए गए हैं. शुक्रवार की शाम तक उन्हें देखा गया. अब संबंधित स्थानों से ज्वाइनिंग देने वाले और ज्वाइनिंग नहीं देने वाले शिक्षकों की सूची मंगाई जा रही है. सोमवार को निलबंन की कार्रवाई की जा सकती है.
दुर्ग जिले में 2 और 3 जून को युक्तियुक्तकरण के लिए जिला स्तरीय काउंसिलिंग हुई थी. इसमें 636 शिक्षकों की काउंसिलिंग की गई. मौके पर ही उनके नए स्थान पर ज्वाइनिंग के आदेश जारी किए गए. फिर 7 जून को संभाग स्तरीय काउंसिलिंग में 286 शिक्षकों और व्याख्याताओं को बुलाया गया था. प्रक्रिया के बाद युक्तियुक्तकरण में प्रभावित हुए जिले के सैकड़ों शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई और नए स्थानों में ज्वाइनिंग नहीं दी.
डीईओ अरविंद मिश्रा के कहना है कि शिक्षकों को 18 जुलाई तक ज्वाइनिंग देने का आदेश जारी किया गया. समय बीत चुका है. विकासखंड शिक्षा अधिकारियों से ज्वाइनिंग देने वाले शिक्षकों की रिपोर्ट मंगाई है. सोमवार को उसकी समीक्षा करने के बाद ज्वाइनिंग नहीं देने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी.



