वीडियो- हॉस्पिटल से गायब मेंटल पेशेंट को खोजने की बजाय उसके भाई को थानेदार ने जड़ा थप्पड़,दुखायरे ने कहा हम गरीब है अगर ढूढ़ नही सकते तो मरा ही बता दो साहब अंतिम संस्कार कर देते मारते क्यो हो, चांटा खाए पीड़ित की फरियाद सुन SSP ने शिकायत के बाद एक्शन लेने का दिया आश्वासन..

बिलासपुर. अपने मानसिक रूप से अस्वस्थ भाई की तलाश में करीब 1 माह से कोतवाली फिर कोनी थाने के चक्कर काटने वाले परेशान युवक की हेल्प करने के बजाय कोनी थानेदार ने उल्टा उसे दो थप्पड़ मार दिया। पीड़ित का आरोप है कि एक तो मैं पहले से काफी परेशानी झेल रहा हु ऊपर से एएसपी के बोलने पर जब कोनी थाने गया तो थानेदार ने अपना संतुलन खो दिया और मेरे शब्द ठीक नही है बोलकर मारने लगा अगर मैं भागा नही होता तो हो सकता था थाने में मेरी और कुटाई होती। इधर अपनी फरियाद लेकर एसएसपी के द्वार गए पीड़ित का दुखड़ा सुन एसएसपी ने कोनी थानेदार को फटकार लगाई और पीड़ित की शिकायत के बाद कार्रवाई की बात कही है।

जिले की पुलिसिंग में अगर किसी के शब्दों में हेरफेर हो जाए तो हो सकता है उसे थानेदार चांटे रसीद कर दे। ऐसा ही ताजा मामला कोनी थाने का है मिली जानकारी के बेमेतरा जिले के बेरला क्षेत्र अंतर्गत कोसपातर निवासी मानसिक रोगी गिरधारी निषाद(28) को उसके परिजनों ने सेंदरी स्थित राज्य मानसिक चिकित्सालय पिछले महीने भर्ती कराया था। कुछ दिन बाद जब परिजन मरीज का हाल जानने सेंदरी पहुंचे। तब अस्पताल कर्मियों ने बताया कि खून की कमी होने के कारण मरीज को नौ जुलाई के दिन सिम्स रेफर किया गया है।जिसके बाद परिजन उसकी तलाश में सिम्स पहुंचे। सिम्स में पता चला कि इस नाम का कोई मरीज अस्पताल में भर्ती नहीं हुआ है, इस पर वे फिर से राज्य मानसिक अस्पताल पहुंच गए । वहां अस्पताल कर्मियों ने नौ जुलाई को उसे सिम्स रेफर करने का दस्तावेज दिखाया साथ ही सिम्स में पता करने की सलाह दी परिजन उसकी तलाश में सिम्स के वार्डो में भटकते रहे। गिरधारी निषाद की गुमशुदगी को लेकर छोटे भाई भीखम निषाद ने कई बार पुलिस के आगे फरियाद लगाई लेकिन कोई कार्रवाई नही हुई।

एएसपी के कहने पर गया था कोनी थाने.

भीखम ने बताया कि कोतवाली और कोनी थाने के चक्कर काटने के बाद वह एएसपी उमेश कश्यप के पास गया था जिसके बाद एएसपी ने उसे कोनी थाने जाने कहा पीड़ित का आरोप है कि जब वह थाने पहुंचा तो उसने थाना प्रभारी (एसआई) रविन्द्र यादव को उसके बात करने का तरीका पसंद नहीं आया। भीखम ने थाना प्रभारी से कहा कि एएसपी ने बोला है की उसके भाई की तलाश के लिए एक स्टाफ के साथ मेंटल हॉस्पिटल जाए।बस इतना सुनते ही रविन्द्र यादव का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और तुम्हें बात करने का सलीका नही है, एएसपी बोला नही बोले होता है। पीड़ितने कहा भी उसे भाषा को लेकर समस्या है क्योंकि वह दक्षिण भारत में शुरू से नौकरी करता रहा है। बावजूद इसके उसे दो तमाचा रविन्द्र यादव ने जड़ दिया।

हम गरीब है साहब.

(गुमशुदा गिरधारी निषाद)

भीखम निषाद ने कहा कि बड़े भाई की तलाश के लिए मैं अपनी नौकरी छोड़ कर बिलासपुर में रह रहा हूं। परिवार की सारी जिम्मेदारी मुझपर है। सब जगह से हार मान कर मैं एएसपी साहब के पास गया था। उन्होंने भाई की तलाश के लिए कोनी थाना प्रभारी को कहा था लेकिन थाना प्रभारी का इस तरीके से व्यवहार करेंगे इसका बिलकुल भी अंदाजा नहीं था। हम गरीब है अगर पुलिस को मेरे भाई को नहीं ढूंढना था तो साफ बोल देते हम उसे मरा समझ कर उसका अंतिम संस्कार कर दिए होते, मारने की क्या जरूरत थी।

शिकायत के बाद करूंगा आगे कार्रवाई.एसएसपी

थाना प्रभारी यादव के इस व्यवहार को लेकर एसएसपी दीपक झा से ‘OMG NEWS’ ने बात की तो उन्होंने बताया कि पीड़ित मेरे पास आया था। मैंने कोनी थाना प्रभारी को मिसिंग दर्ज करने कहा है पीड़ित के आवेदन में घटना को लेकर कोई उल्लेख नही था जैसे ही शिकायत मिलेगी थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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