वेतनवृद्धि की मांग को लेकर सिम्स प्रबंधन और संघ प्रतिनिधि मंडल आए आमने सामने, मंगलवार को भी जारी रहेगा आंदोलन..

बिलासपुर. वेतनवृद्धि के लाभ को लेकर सिम्स प्रबंधन और कर्मचारियों के बीच जंग छिड़ गई है। प्रबंधन और कर्मचारी इस कदर आमने सामने आ गए हैं कि अब अगर उनकी मांगे नही मानी गई तो सारे स्टाफ ने काम बंद करने का मूड बना लिया है और सिम्स प्रबंधन को चेताया है कि आंदोलन से ईलाज को लेकर चरमराई व्यवस्था का सारा जिम्मा सिम्स प्रबंधन के सिर होगा।

रविन्द्र तिवारी कार्यकारी प्रान्तध्यक्ष ने बताया कि सिम्स में कार्यरत 316 कर्मचारियों की वार्षिक चरित्रावली अच्छा लिखने बावजूद सिम्स प्रबंधन 7 साल से वार्षिक वेतनवृद्धि के लाभ से कर्मचारियों को वंचित रखते हुए आर्थिक मानसिक प्रताड़ना देते आ रहा था जिससे कर्मचारियों का मनोबल टूट रहा था ।सिम्स प्रबंधन के विरुद्ध कर्मचारियों का आक्रोश विरोध में तब्दील हो गया जो कामबंद के रूप में सामने आया और सर्व सहमति से वर्ष 2013-14/ 2014-15 में नियुक्त कर्मचारियों ने छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले 2 दिवस का काम बंद आंदोलन की घोषणा कर दिया गया है।

आंदोलन पूर्व सिम्स प्रशासन के साथ 2 चरण में हुई बैठक असफल होने पश्चात सोमवार से समस्त कर्मचारी काम बंद कर धरना में बैठ गए । पुनः 3 बार सिम्स प्रशासन ने चर्चा के लिए संघ प्रतिनिधि मंडल को दोपहर 2:30आमंत्रित किया । रविन्द्र तिवारी कार्यकारी प्रान्तध्यक्ष के नेतृत्व में उनकी टीम द्वारा चर्चा के दौरान लिखित आश्वशन पर अड़ा रहा ,सिम्स प्रशासन द्वारा लिखित आश्वासन नही दिए जाने पर प्रतिनिधि मंडल बैठक छोड़ लौट आये और कल 3 अगस्त को कामबंद आंदोलन अपने निर्धारित समय पर जारी होने की घोषणा कर दी गई ।

व्यवस्था चरमराई..

संघ के अनुसार इस आंदोलन से मेडिकल कॉलेज एवं सिम्स चिकित्सालय की पूरी व्यवस्था चरमरा गई। 1500 का opd संख्या नगण्य रही। लेब जांच,एक्सरे ,दवा वितरण, कपड़ा धुलाई, कोरोना रिपोर्ट, बिजली पानी की व्यवस्था नही होने से मरीजों का इलाज प्रभावित हुई ,वार्डों से मरीजों की छुट्टी कर दी गई। इन सब अब्यवस्था के लिए सिम्स प्रबंधन पूर्ण रूप से जिम्मेदार है ।
यदि सिम्स प्रशासन 3 अगस्त की शाम तक वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ देने आदेश प्रसारित नही करता है तो संघ द्वारा बहुत जल्दी संगठन के सभी सदस्यों की बैठक आयोजित कर आंदोलन के विस्तार का निर्णय लेते हुए 7 दिवस का कामबंद आंदोलन किया जाएगा। जिसमें जिले के सभी ब्लॉकों जिला चिकित्सालय, राज्य मानसिक चिकित्सालय के कर्मचारी भी आंदोलन में सम्मिलित हो सभी राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों का बहिष्कार कर काम बंद आंदोलन में चले जायेंगे ।

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