रविवार को बिलासपुरवासियों ने स्वदेशी मेले का आनंद लिया.

• बच्चों ने रंगीला मनाया मेला.


बिलासपुर. स्वदेशी जागरण मंच के तत्वावधान में साइंस कॉलेज मैदान मेें आयोजित सात दिवसीय स्वदेशी मेले के तीसरे रविवार को दिन में रंग भरो एवं चित्रकला स्पर्धा आयोजित की गई। इसमें प्रतिभागी बच्चों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया |



आयोजकों ने बताया कि दोनों स्पर्धा दो-दो वर्गो में आयोजित की गई। रंग भरो वर्ग अ में कक्षा पहली तक , वर्ग ब में कक्षा दूसरी से कक्षा चौथी एवं चित्रकला वर्ग अ मेें कक्षा 5 वीं से 8 वीं, वर्ग ब में कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक के लगभग 90 से अधिक बच्चों ने भाग लिया। रंग भरो अ वर्ग एवं ब वर्ग के 50 से अधिक बच्चे शामिल रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में अरूणा दीक्षित,डॉ नीता श्रीवास्तव, प्रतिभा शर्मा, लता गुप्ता,निहारिका त्रिपाठी,प्रभा तिवारी ,संगीता रेड्डी,प्रिया रेड्डी,प्रीति पानसे,अर्चना कंडेकर

का सहयोग रहा। निर्णायक की भूमिका में श्रीमती गायत्री तिवारी

श्रीमती निधि पुरोहित

अरूण गायकवाड़, शत्रुहन सिंह ठाकुर

घनश्याम यादव, सतीश यादव रहे।


शाम को समूह नृत्य.


32 से अधिक नृत्य समूहों जिसमे अलग अलग स्कूलों, कॉलेज के छात्रों ने अपनी प्रस्तुति से मेला प्रांगण में दर्शकों को बांधे रखा।

इस कार्यक्रम का संचालन युगल शर्मा, रिंकू मिश्रा, तुषार पानसे, अंकिता मेहता ने किया।

मेला संयोजक गुलशन ऋषि, CBmd के महाप्रबंधक सुब्रत चाकी, डॉ सुशील श्रीवास्तव

 संभागीय संयोजक स्वदेशी जागरण मंच,

मेले के सहसंयोजक डॉ देवेंद्र कौशिक, दीप्ति बाजपेयी ज्योतिंद्र उपाध्याय सहित सौमित्र गुप्ता, विजय ताम्रकार, श्याम साहू, मनीष गुप्ता, एन के झा, अंकित पाल, चंचल कुशवाहा,जितेन्द्र सोनी, प्रह्लाद दुसजा, रोशन खामरी, राजेश मिश्रा, रोशन सिंह, सुनीता ठाकुर,किरण सिंह, रीना गोस्वामी, चुन्नी मौर्य, निकेत श्रीवास्तव,भावेश सेन,गौरव मानिकपुरी, राजू कौशिक आयोजन के कार्यो में अपना समय दे रहे.


आज के अभ्यागत.


● सतीश कुमार

अखिल भारतीय सहसंगठक स्वदेसी जागरण मंच

● साकेत राठौर

CEO स्वर्णिम भारत वर्ष फॉउंडेशन

● ए डी एन बाजपेयी 

कुलपति अटल यूनिवर्सिटी

● वी के सारस्वत 

कुलपति सुंदर लाल शर्मा यूनिवर्सिटी

● श्रीमती सुमन मुथा 

ने मंचासीन व मेले में उपस्थित अभी नागरिको को स्वदेशी स्वीकार और विदेशी बहिष्कार की शपथ दिलाई 


मेला देखने उमड़ी भीड़.


रविवार होने के कारण स्वदेशी मेले में लोगों की भारी भीड़ रही। बच्चे मेला परिसर में लगे झूले काआनंद लेते रहे। फूड स्टाल पहुंच कर देर रात तक खाने का लुत्फ उठाते रहे।





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