नवरात्रि की द्वितीया पर धर्म जागरण के जिला संयोजक बीपी सिंह की अगुवाई में माता रानी की निकली पहली चुनर यात्रा.

बिलासपुर.देवरीखुर्द के गदा चौक से मंगलवार को चुनरी यात्रा निकाली गई, जो गदा चौक से निकल कर संत रविदास चौक खाल्हे पारा से होते हुए सतबहनिया मंदिर देवरीखुर्द मेन रोड होकर दुर्गा मंदिर अटल आवास में सम्पन्न हुई।

पहली चुनरी यात्रा.

धर्म जागरण के जिला संयोजक बीपी सिंह की अगुवाई में चुनरी यात्रा निकाली गई। उन्होंने बताया कि ये जिले की पहली चुनर यात्रा है। जिसमे सैकड़ों लोग शामिल हुए
यात्रा के पूर्व ही गदा चौक पर धार्मिक अनुष्ठान किया गया जहां क्षेत्र के लोग व जनप्रतिनिधि व बड़ी संख्या में महिलाएं ने शिरकत की थी। जिन्होंने हवन-पूजन कर चुनरी यात्रा की शुरुआत की.

वार्ड के लगभग सभी घरों से लोग इस धर्म यात्रा में शामिल हुए। जिस मार्ग से चुनरी यात्रा निकाली गई, वहां पर लोगों ने अपने घरों के सामने साफ-सफाई की और चुनरी यात्रा का स्वागत किया। इसमें कई भजन मंडलियां भी शामिल थीं, जो भजन गाते हुए चल रही थीं। कई स्थानों में भक्तो ने फल चाय पानी आदि का स्टॉल लगा कर भक्तो का स्वागत किया ।

संत रविदास चौक और देवरी डीह पर आतिशी स्वागत।

चुनरी यात्रा गदा चौक से निकलकर जैसे ही संत रविदास चौक देवरी डीह और खालेपारा चौक में पहुंची भक्तों की भीड़ ने माता की चुनर का आतिशी स्वागत किया और माता के जयकारे लगाए इस दौरान पूरा क्षेत्र माता के जयघोष से गूंज उठा । लोगों ने घरों से फूल की बारिश की

सतबहानियां मंदिर में मां की चुनर की आरती.

चुनरी यात्रा देवरीखुर्द खाल्हे पारा होते हुए सतबहिनीया मंदिर पहुंची जहां पहले से ही मौजूद भक्तों की अपार भीड़ ने माता की आरती की इस दौरान भक्तों ने मां की चुनर यात्रा पर पुष्प वर्षा की और पूजा अर्चना की

देवरीखुर्द में पहली बार ऐसा धार्मिक अनुष्ठान
देवरीखुर्द चंद्रशेखर आजाद नगर वार्ड क्रमांक 42 में प्रथम बार इस तरह का धार्मिक अनुष्ठान हुआ जो लोगो के लिए कौतूहल का विषय था नवरात्र अवसर पर चुनरी यात्रा के आयोजन को लेकर सभी भक्तों में भारी उत्साह देखा गया और देवरीखुर्द की हर घरों से लोग इस चुनर यात्रा में शामिल हुए विभिन्न समाज के प्रमुखों ने आरती कर स्वगत किया और माता की भक्ति में लीन दिखे।
कार्यक्रम में धर्म जागरण समन्वय के प्रान्त, जिला, नगर, महिला टोली के कार्यकर्ताओ के साथ देवरी खुर्द क्षेत्र से हजारों की संख्या में महिलाएं पुरुष यात्रा में शमिल हुए।

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