Omg विशेष-रावण के किरदार में पहलवान ने जनसेवा में उम्र गुजार दी..

बिलासपुर. हर वर्ष दशहरा में ज्ञानी और सर्वश्रेष्ठ योद्दा रावण को मारकर बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाया जाता है ऐसा ही एक समाजसेवी और निस्वार्थ नाड़ी वैध रावण हमारे बीच था।जिससे जिंदगी की रामायण लड़ते लड़ते दम तोड़ दिया।

गोड़पारा निवासी गोपाल लोहार (70) वर्ष उर्फ पहलवान की बचपन से मोहल्ले में कब लंका पति रावण की भूमिका में आ गया उसे खुद अंदाजा नहीं था. अपनी आवाज और कद काठी से परिपूर्ण होने के कारण उसे लोग पहलवान भी बुलाते थे। मूलतः कटनी निवासी गोपाल लोहार बचपन मे परिजनों से नाराज होकर शहर आ गया.तब उस पर समाजसेवी और बीते दिनों बाजार वार्ड के पार्षद गोड़पारा कमल लॉज के संचालक गोवर्धन लाल गुप्ता की नजर पड़ी और उन्होंने पहलवान को अपने साथ लाकर लॉज की देखरेख में लगा कर रोजी रोटी का इंतजाम कर दिया।

पूर्व महापौर और कांग्रेस नेता राजेश पांडेय Omg news network को गोलबाजार हनुमान मंदिर के चबूतरे में चर्चा के दौरान बताते हैं

कि बचपन से ही गोपाल लोहार ईमानदार और धार्मिक था. हमेशा भगवा वस्त्रधारी पहलवान लोगों की सहायता के लिए सदा आगे रहता. शादी होने के बाद उसकी संतान नही थी फिर भी वह निराश नहीं हुआ और मोहल्ले के कई कार्यों में योगदान देता रहा। गौरी शंकर भगवान के भक्त उसने जो कमाया लुथरा शरीफ से लगे कालीकछार गांव और गोड़पारा में पीपल झाड़ के नीचे मंदिर निर्माण करा दिया।

एक भेष रूप अनेक..

पहलवान की सबसे बड़ी खासियत थी कि वह लोगों को फ्री में नाड़ी समस्या की परेशानी से निजात दिलाने में माहिर था गोड़पारा समेत शहर के तमाम लोग उसके पास आते और राहत लेकर जाते थे. गोलबाजार की नव युवक दुर्गा उत्सव समिति में भी पहलवान ने जीवंत झांकी के रूप में अलग अलग किरदार निभाया.

आखिरी तक रहा कलयुगी रावण..

अपनी कला और निस्वार्थ सेवा के लिए पहलवान की उसके निधन के बाद भी चर्चा खत्म नहीं होती.1995 में जब राजेश पांडेय मेयर बने तो उन्होंने पहली बार गोपाल लोहार को दशहरा के मौके पर नगर निगम की तरफ से लंकापति रावण का रूप धारण करवाया जो कड़ी लगातार चलती रही। अग्रवाल लॉज के संचालक बॉबी अग्रवाल ने बताया कि पहलवान ने हर बार बखूबी रावण का रोल निभाया जिस वक्त वह रावण की वेशभूषा में निकल कर मैं लंका पति रावण की हुंकार भरता,मानों सच मे रामायण का असली रावण सामने आ गया हो मगर ऊपर वाले कि माया के आगे किसी की नहीं चलती कुछ दिन पूर्व पहलवान बीमार हो गया और उसकी मौत हो गई।

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