अब सोनिया की शादी होगी धूमधाम से, टीआई सरायपाली और उनकी टीम ने कुछ इस तरह बढ़ाएं सहयोग के हाथ,जानिए.

महासमुंद. कहते हैं बेटी की बिटिया की शादी करना गंगा में डुबकी लगाने से कम नही और जो बिटिया का घर बसाने में साथ दे उसके लिए फिर क्या कहने वो भी अगर खाकी वर्दी सामने तो,यह लाइन सुनने में जरा अजीब सी जरूर लग रही होंगी। मगर हकीकत में यह सच है,सिर से पिता का साया उठने के बाद एक निर्धन परिवार की मदद कर उस घर की लड़की को बेटी-बहन मान टीआई सराईपाली और उनकी टीम ने अपना योगदान दिया है जिसके बाद हंसी खुशी एक बेटी की शादी संपन्न हो पाई है।

इसे नेक पहल कहे या समाज को एक आईना दिखाने की कोशिश वो भी खाकी के हाथों,समय समय पर सामाजिक गतिविधियों के लिए चर्चा में रहने वाली सराईपाली पुलिस ने टीम ने निर्धन परिवार की मदद के लिए हाथ बढ़ाया और बिटिया की शादी में भाई स्वरूप अपनी सहभागिता निभाई है। महलपारा वार्ड क्रमांक 15 निवासी बजीता (सोनिया) की शादी के बाद विदाई अब खुशी खुशी होगी वैसे तो समाज में दहेज प्रथा को गलत माना जाता है लेकिन बेटी के लिए शगुन नाम का संकल्प भी कोई चीज है 3 साल पहले उसके सिर से पिता का साया उठ चुका है मां सुमित्रा चौहान ने बिटिया के हाथ पीले करने का ठाना और की शादी तय कर दी लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह था कि बेटी को शगुन के तौर पर देने वाले सामान की व्यवस्था कैसे की जाए। सुमित्रा चौहान पहुंच गई सीधा सरायपाली थाने जहां उन्हें मिले टीआई आशीष वासनिक सुमित्रा चौहान बिटिया की शादी में आ रही परेशानियों की व्यथा से टीआई को रूबरू करवाया।

जिसके बाद टीआई वासनिक में थाना स्टाफ से चर्चा कर सब से कलेक्शन किया और जितना बन पड़ा उससे कहीं अधिक उपहार स्वरूप सोनिया की शादी के लिए उसकी मां को भेंट किया। ऐसा नहीं है कि टीआई वासनिक और टीम सरायपाली पुलिस ने सामाजिक कार्य में पहली बार कोई नया कार्य किया हो। इससे पहले भी पुलिसिंग के साथ टीम सरायपाली पुलिस सामाजिक कार्यों में अपना सहयोग देती रहती है।

10 से 13 मई तक कार्यक्रम.

सोनिया की मां ने टीआई वासनिक को बताना कि उनकी बिटिया की शादी कार्यक्रम 10 मई से 13 मई तय किया गया है।12 को बरात का आगमन है और 13 की सुबह बेटी की विदाई,सरायपाली पुलिस टीम से मदद मिलने के बाद सोनिया और उसकी मां काफी खुश होने के साथ काफी भाव विभोर हो गए थे। सरायपाली पुलिस टीम को धन्यवाद देते हुए बिटिया की शादी आने का निमंत्रण भी दिया।

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