मुंह फट

‘रवि शुक्ला’

बार और मुश्किल.

शराब चीज ही ऐसी है जो सिर चढ़कर बोलती नया जिला एमसीबी बनने के बाद भले ही कांग्रेस फायदे की सोच रही हो लेकिन लोगों का मानना है कि घर को आग न लग जाए घर के चिराग से, मसला यह है कि यहां के सत्ताधारी एक माननीय के चेले का बार चलता है।

उसकी सेटिंग अपनी जगह है लेकिन पीने के बाद आदमी बस में कहां रहता है लफड़ा-टंटा रोज की बात हो गई है। इसमें प्रशासन और पब्लिक का सिर दर्द तो है ही जिले का दूसरे कांग्रेस के माननीय कमरों, में बैठकर अलग सिर दर्द झेल रहे है। अब छुपा किस्से हैं दोनों माननीयो का दर्द, आपसी कलह और इससे भी ज्यादा सिर फुटअव्वल की एक झलक विधानसभा में देखने को मिली और मंत्रीमंडल- विधायकों के मजे हो गए, गुटबाजी ऐसी चल रही है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में स्थिति ठीक नजर नही आ रही है। बार का वार कर माल सामने वाला सकेल रहा है और तकलीफ इधर झलक रही है। अब बार है तो मुश्किल होगी ही मुसीबत कांग्रेसियों की मजा भाजपाई ले रहे हैं।

टेलिस्कोप और गड्ढा.

बीते दिनों सीवरेज से खोदापुर में तब्दील हुए शहर में एक युवक के गिरकर मौत हो गई। पिछले कई दिनों से नगर के लाल माइक्रोस्कोप (सूक्ष्मदर्शी),अरे भाई नासा का टेलीस्कोप नहीं जूम वाले कैमरे की बात हो रही है। वह लेकर अपने चेले चमचों के साथ निकल रहे और जूम करके गड्ढा-खचवा देखा जा रहा है।

अब गड्ढा थोड़ी बताएगा कि 4 साल पहले का है या 15 साल पहले का, गड्ढा तो भाई गड्ढा है। सब से बडी बात की गड्ढा है ना चाहे वह बीजेपी का हो या कांग्रेस का राजनीतिक दलों में गड्ढा नहीं होता तो नेता जी इसमें बोजाते क्यों (मतलब चुनाव हारते क्यों) बड़ी अजीब बात है कि गड्ढों का कोई दल नहीं होता वह देखने वालों के ऊपर होता है कि किस दल का गड्ढा है।

उबलते कांग्रेसी.

राज्य में गर्मी से हाल बेहाल हैं, मौसम खराब है कुछ जगह तो मई के महीने में भी गरज के साथ छींटे पड़ रहे हैं। इसका असर सत्ताधारी कांग्रेसियों पर भी पड़ रहा है। जहा देखो प्रशासनिक अफसरों से दो-दो हाथ, भले कका की लोकप्रियता की बलि क्यों न चढ़ाना पड़ जाए, मामला जरा गंभीर होता जा रहा है।

चमचे – छिलटे सार्वजनिक तौर पर प्रशासनिक अफसरों को मंदिर की घंटी की तरह बजाकर निकल जा रहे हैं कोई मान मर्यादा नही छोड़ रहे, अरे भाई विधानसभा चुनाव सामने कुछ तो लाज रख लो 5 साल में कका की कमाई की इज्जत का सवाल है। कोई बता रहा था राज्य के प्रशासनिक अफसरों की बिरादरी अंदर ही अंदर घूट- घूट कर काफी नाराज चल है। जाहिर सी बात है हुकूमत के सामने सब नदमस्तक,बस तलाश है मौके की, ऊपर से हरि झंडी मिली कि इधर सफाई अभियान शुरू, विपक्ष सब कुछ काउंट कर रहा है। डर तो इस बात का है कि कहीं इस नाराजगी का डायरेक्टर असर विधानसभा चुनाव में ना पड़ जाए,फ्री की सलाह अभी भी वक्त है सुधर जाओ वरना गई भैंस पानी में.

हमर पुलिस.

पहली कोन आइस का करिस ओला छोड़, ए दारी तो नवा साहब आए हैं। ठाकुराई जोरदार चलथ हे कब कोनो के निजात हो जाए अमला गंभीर सोच मा डूबे रहिथे, का हे की ठाकुर साहब अब्बड गंभीर हे जरा भी एती ओती के खबर पाइस ता सामने वाले के गिल्ली गोल.

शहर -देहात मा ठाकुर साहब के नीचे बूता करे वाले साहब आऊ त आऊ थानेदार मन कम मा बम, मतलब माल ता सकेलथ हे मगर पहली के तरह ‘माले हराम दिले बेरहम’ वाले काम नई करथ हे, का हे सब के मन मा ठाकुर साहब के डर के प्रकोप समाए हुए हे।

पंडित के लाचारी.

पहली के जमाना मा आऊ आज भी बाम्हन मन सर्वोपरी पूजे जाथे, लेकिन ठाकुर साहब के आए के बाद ए दारी उल्टा हो गए, पंडिताई के गुर फेल आऊ सकरा के रह गे पंडित दू तमगा वाले थानेदार,परे दिन के बात हे एक झन के हत्या हुईस लाश सड़ता-गलत पड़े हे पानी के टंकी मा दूसर आकर आरोपी ला धर लिस लेकिन पंडित थानेदार के नींद नई खुलिस कोन दुनियां मा रहीस कि अतका बड़े चूक हो गे।

(ये फोटू ला नगर के नवरंग बाबू हा परे दिन लिए रहीस, सोशल मीडिया मा खूब दौड़त हे, कोन हे कोन हे, खाकी के कंधा मा काम के बोझ भी रहिथे, नगर वासियों के रक्षक हे, अइसे मा तनाव आना स्वाभाविक हे जी, हम दर्द के टानिक स्विंगकारा के जरूरत महसूस होत हे)

बुलाइस ठाकुर साहब तहा दे बत्ती, बेचारा बेआबरू हो गे जी, ओ दारी ले बाम्हन थानेदार के दिमाग ठीक ले बूता नई करथ हे,हाल ये है कि गुमसुम गुमसुम रहीथे कंधा मा एक तमगा नई चिपका पाए ओखर अलग तनाव बाकी संगी साथी मन तीन लगाए गजरत हे,कोई बतात रहीस की पंडित ला माल सोटे के महारत हासिल हे परिस्थिति जाए भाड़ मा.

दू नव सिखिया.

जिला मा परे दिन ले दू नव सिखिया आईपीएस जांगर जोतत हे,बने समय बिता लिस, आगे के ता नई पता अभी व्यवहार कुशल बने हे, वीआईपी तरफ के आईपीएस ता कोने परेशान आथे ता डॉक्टर बाबू बन एक- एक चीज ला लिख के फिर सलाह देथे परेशानी ला कम करे के कोशिक कर कहिथे कि जब में हा पुलिस मा नई आए रहव ता आने आने परेशानी ले गुजर चुके हव मदद ही तव करे बर हे.

एति नगर के महिला आईपीएस साहिबा कहे तो सिखाड़ी हे लेकिन जब कोरट,आने जगह के इंगलिश मा लिखे फाइल ला रटा- रट पढ़ते न ता थानेदार मन भी मुंह ताकत रह जाथे, आईएएस अफसर के संगी हे, गंभीर, चाहे कोनो हो बूता ले बूता के मतलब रखते अइसे आगे भी बने रहिबे ता पूजे जाबे मेडम, कुलमिलाकर ए दारी जिला ला नवा उपज के समझदार आईपीएस मिलिस हे,‘OMG’ के तरफ से दुनू के उज्ज्वल भविष्य के कामना.

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