मुंह फट

‘रवि शुक्ला’

कोरोना अलर्ट.

बाकी कथा कहानी जाए चूल्हे में जान है तो जहान है। इसलिए सुधी पाठकों ‘OMG NEWS NETWORK’ आपके लिए गंभीर और महत्वपूर्ण अलर्ट जारी करता है। कोरोना के डेल्टा वर्जन ने दूसरी लहर में अच्छे-अच्छों को निपटा दिया, कहते हैं डेल्टा वर्जन नए ओमिक्रोन से भी ज्यादा घातक था। शायद इसलिए लोग ओमिक्रोन को हल्के में ले रहे हैं।

मगर सावधान ओमिक्रोन कुछ नहीं करेगा, तुरंत आमजन को हानी भी नहीं पहुंचाएगा। लेकिन यह साइलेंट किलर है। सर्दी बुखार, सर्दी बुखार कह के हल्के-हल्के 10-12 दिन बाद टपका देगा। अभी आसपास से जो खबरें आ रही है। वह बेहद चिंताजनक है, सब में एक ही सिम्टम्स है पहले सर्दी बुखार फिर एक दो उल्टी और फिर अटैक से मौत, इसलिए मास्क लगाएं,दूरी बनाए रखिए और हां टीका- फीका फिजूल की बात है।

पुलिस विभाग में बदलाव-1.

पुलिस विभाग का मुखिया अभी हाल में ही बदला गया है कांग्रेस सरकार ने पुलिस में नएपन और ताजगी के लिए शायद यह कदम उठाया होगा पर अब तक कुछ खास बदलाव देखने को नहीं मिला जो हाल तेरा था वही मेरा हाल है।

नाम बदल गया चेहरा बदल गया, लेकिन कामकाज राजनीतिक दबाव से उबर नहीं पाया डरे सहमे से साहबान फोन पर बात न बाबा न,क्या पता कौन ट्रैप कर रहा हो, कुछ खास तकलीफ हो तो सीधे मिलो वह भी चेंबर में जाकर, कहते हैं कि पीएचक्यू तो अब नाम का रह गया कामकाज तो सब हाउस के भरोसे चल रहा है। ऐसे में पीएचक्यू मूकदर्शक न रहे तो क्या करें।

पुलिस विभाग बदलाव-2.

छत्तीसगढ़ सरकार ने पुलिस विभाग का मुखिया यानी डीजीपी को बदला है तो उससे अनुमान लगाया जा रहा है कि इसी विभाग से जुड़े एक सीनियर मंत्री भी निपटने वाले है। सरकार में सीएम अगर माइक वन है तो माइक टू किसे कहते है इस बात से सब वाकिब है और पावर पॉलिटिक्स के हिसाब से माइक वन और माइक टू में मतभेद आम बात है।

वैसे भी दाऊ सरकार के 3 साल बीतने के बाद शनि की अढैया दशा लगभग खत्म मानी जा रही है। ऐसे में कका और भी ताकतवर बनकर उभरेंगे यह भी सबको पता है। शायद इसीलिए मंत्रिमंडल में फेरबदल की सुगबुगाहट है और अगर यह सही है तो सरकार के माइक टू निशाने पर हैं यह सबको पता है। वैसे भी डीजीपी के बदलने से महकमे में बदलाव की बयार बह रही है।

कांग्रेस की फजीहत.

शहर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष इन दिनों योग आयोग के सदस्य इससे ज्यादा तारबाहर क्षेत्र से एक बूथ के मालिक रविंद्र सिंह के इलाके में कांग्रेस आजादी के बाद हाल के नगरीय निकाय उप चुनाव में हार गई। लिहाजा संगठन के कान तो खड़े होने ही चाहिए और हुए भी,पहले इस क्षेत्र के पूर्व पार्षद ने सवाल खड़े किए तो रविंद्र सिंह उनसे भीड़ गए।

फिर वर्तमान शहर अध्यक्ष पंडित जी ने मेयर- विधायक और तमाम लोगों के सामने यही सवाल फिर से उठा दिया तो मानो सवाल क्या उठाया बवाल उठा लिया और अपनी मिट्टी पलीत करवा ली, पंडित जी पर रविंद्र सिंह चढ़ बैठे दे, खरी- खोटी सुनाने लगे, अपने बूथ में कैसे हारे यह बताना छोड़कर झगड़ालू आंटी के टाइप माहौल खड़ा कर दिया। वार्ड में कांग्रेस की जीत की खुशियां तो एक तरफ कांग्रेस संगठन की सरेआम फजीहत हो गई।

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