CM बघेल ने सेक्सोफोन बजाने वालों के साथ ली सेल्फी तो तालियों से गूंज उठा राज्योत्सव का मैदान..

रायपुर. रविवार की शाम सेक्सोफोनिस्ट विजेंद्र धवनकर पिंटू, लिलेश, सुनील और उनके साथियों के साथ- साथ संगीत प्रेमियों के लिए भी एक यादगार शाम थीं. रायपुर के वृंदावन हॉल और भिलाई के प्रतिष्ठित कलामंदिर में अपनी धमाकेदार प्रस्तुति से लोगों के दिलों में खास छाप छोड़ने वाले सेक्सोफोनिस्टों ने जब राज्योत्सव के विशाल मंच में बेशुमार दर्शकों के बीच सेक्सोफोन बजाया तो हर कोई झूम उठा.एक पुरानी छत्तीसगढ़ी फिल्म घर-द्वार के प्रसिद्ध गीत- सुन-सुन मोर मया पीरा… की धुन को बजाते हुए कलाकार जब समारोह के प्रमुख मंच तक पहुंचे तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद को सेल्फी लेने से नहीं रोक पाए. उन्होंने तीन बार अलग-अलग अंदाज से कलाकारों के साथ सेल्फी ली. मुख्यमंत्री का यह अंदाज सबको खूब पंसद आया क्योंकि इसके पहले छत्तीसगढ़ के लोगों ने यहां के मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह को केवल करीना कपूर, सलमान खान और मुंबई के नामचीन कलाकारों के साथ ही सेल्फी लेते हुए देखा था. मुख्यमंत्री द्वारा ली गई सेल्फी की एक खास बात यह भी थीं कि मंच पर विधानसभा अध्यक्ष चरणदास मंहत, सांसद ज्योत्सना महंत, स्वास्थ्य एवं पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया, शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह, लोक स्वास्थ्य मंत्री रूद्र गुरू, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेड़िया, मुख्य सचिव आरपी मंडल, प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी, संस्कृति विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी, संचालक अनिल साहू सहित विधायक और वरिष्ठ अफसर मौजूद थे.राज्योत्सव में कलाकारों ने फिल्म शोले के टाइटल म्यूजिक से जो माहौल बनाया वह अंत तक बरकरार रहा. कलाकारों ने एक से बढ़कर एक धुनें सुनाई. डाक्टर नरेंद्र देव वर्मा लिखित गीत अरपा पैरी के धार की सबसे पहली प्रस्तुति वे भिलाई में दे चुके थे, लेकिन यहां राज्योत्सव में भी जब सेक्सोफोन पर यह गीत गूंजा तो हर कोई यह कहने को मजबूर हो गया कि छत्तीसगढ़ की मिट्टी में जन्में कलाकार अंग्रेजी बाजे में भी अपनी माटी के प्रति सम्मान प्रकट करने का हुनर जानते हैं. कलाकारों ने छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध गढ़बा बाजा को भी सेक्सोफोन पर बजाकर दर्शकों को नाचने के लिए मजबूर कर दिया. सेक्सोफोन बजाने वाले कलाकार जल्द ही अपनी प्रस्तुति अंबिकापुर, राजनांदगांव, रायगढ़, कोरबा, बिलासपुर जैसे बड़े शहरों में भी देंगे.

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