सेंट्रल जेल में काले कारोबार का टेंडर पूर्व सरकार के नुमाइंदों को देने लौटाए गए कांग्रेसी..

‘OMG NEWS’ की स्पेशल रिपोर्ट पढ़िए लगातार..

बिलासपुर. सेंट्रल जेल में पूर्व सरकार से जुड़े आरएसएस को लोगों को टेंडर देने जेल प्रशासन ने कांग्रेसियों को बेआबरू कर बैरंग लौटा दिया। सोमवार को सेंट्रल जेल में पिछले दो साल से रसद को लेकर नही हुए टेंडर की प्रक्रिया पूरा होना था। मगर काले कारोबार को पनाह देने वालों ने इसे सब के सामने नही खोला। जिसके बाद जेल अधीक्षक के ऑफिस में जमकर बवाल भी हुआ। वही अब जिला प्रशासन की अगुवाई में टेंडर खोलने की प्रक्रिया किए जाने के कयास लगाया जा रहा है। इस बार भी जेल के भीतर टेंडर को लेकर हो रहे गोलमाल में मुख्य प्रहरी व सहायक गोदाम इंचार्ज की भूमिका से इंकार नही किया जा है।

पिछले दो साल से सेंट्रल जेल में खाद्य सामग्री को लेकर टेंडर नही हो रहा है जबकि हर साल रसद के लिए टेंडर किया जाना है। जेल प्रबंधन पिछली सरकार से जुड़े आरएसएस के लोगो और अपने कुछ पिछलग्गुओ को एक बार फिर जेल का टेंडर देने के जुगाड़ में है। ‘OMG NEWS NETWORK’ की पड़ताल में पता चला है कि सोमवार को टेंडर प्रक्रिया के लिए नई फर्मो के साथ पुराने चेहरे भी टेंडर भरने आए थे। जिसमें कांग्रेसी भी शामिल है। एस के मिश्रा (वरिष्ट परिवीक्षा- कल्याण अधिकारी) जेल अधीक्षक चालू प्रभार और जेलर आर आर रॉय के साथ जेल की चारदीवारों के भीतर काले कारोबार को चलाने वाला मुख्य प्रहरी और सहायक गोदाम इंचार्ज मारकंड बारिक भी जेल अधीक्षक के ऑफिस में मौजूद था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक दर्जन से अधिक फर्म के लोग टेंडर प्रक्रिया में शामिल हुए थे। टेंडर प्रक्रिया की शुरुआत होते ही जेल अधीक्षक मिश्रा ने सब के सामने टेंडर ओपन करने से इंकार कर दिया और जेल मुख्यालय से अनुमोदन व सारे दस्तावेजों की जांच के बाद खुद से सूचित करने की बात कही। जिसके बाद नए लोगो ने इसका विरोध किया और जमकर बहसबाजी हुई।

इधर जेल अधीक्षक के कहने पर सभी को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। जेल प्रबंधन के इस रवैये से नाराज ने लोग कलेक्टर से मिलने पहुंच गए लेकिन किसी काम से रतनपुर गए कलेक्टर से उनकी मुलाकात नही हो पाई। बताया जा रहा है कि टेंडर को लेकर यह सारी नोटंकी अपने पुराने लोगो को फिर से काम देने के चक्कर मे जेल प्रबंधन द्वारा किया जा रहा है। जिसमें इस बार भी सहायक गोदाम इंचार्ज बारिक की भूमिका मुख्य बनी हुई है। टेंडर को लेकर सारा खेल जेल प्रबंधन ज्यादा कमीशन को लेकर कर रहा है। ताकि पहले की तरफ मोटी रकम मिलती रहे। इधर जिला प्रशासन की देखरेख में सेंट्रल जेल का टेंडर प्रक्रिया ओपन होने के कयास नए लोगो द्वारा लगाया जा रहा है।

जेल अधीक्षक की इतनी मोटी चमड़ी की डीजी के फोन को किया दरकिनार..

बताया जा रहा है कि टेंडर प्रक्रिया को सब के सामने नही खोंले जाने से नाराज नए लोगो ने इसका विरोध किया जबकि पुराने चुपचाप बैठे रहे। विरोध स्वरूप नए लोगो ने जेल प्रबंधन से आग्रह किया कि उन्हें लिखित में दिया जाए कि टेंडर सब के सामने नही खोंला जा रहा और दस्तावेजों की जांच के बाद सब को सूचित किया जाएगा। मगर जेल अधीक्षक मिश्रा ने अपनी टीम के साथ रिटर्न में लिख कर देने से मना कर दिया और कहा कि ये हमारा आउटलुक है। हम तय करेंगे किसे टेंडर देना है और किसे नहीं। इधर एक फर्म के मालिक ने (इनके फर्म और संचालक नाम OMG NEWS) के पास है। जेल प्रबंधन की हरकत से नाराज होकर सीधा डीजी जेल को फोन कर दिया जेल में चल रहे काले कारोबार की बात सुन डीजी ने कहा कि लिखित रिटर्न में लेने का आपका पूरा अधिकार है। जेल में कौन है उससे मेरी बात कराओ लेकिन जेल अधीक्षक और उनकी टीम के इशारे पर गेट में तैनात प्रहरी ने भीतर कोई नही है बोलकर कर उन्हें वापस लौटा दिया। जेल में टेंडर प्रक्रिया के दौरान जिला प्रशासन की ओर से एक अधिकारी का होना आवश्यक होता है मगर सोमवार को कोई भी अधिकारी मौजूद नही था।

जेल प्रबंधन और पुराने लोगो की रिश्तेदारी..

सूत्रों की माने तो रविवार को जेल प्रबंधन पूरा दिन अपने पिछलाग्गुओ पुराने लोगो से जेल के ही भीतर मिलता रहा। जिससे यह बात सामने आ रही है कि जेल में टेंडर को लेकर सेटिंग चल रही थी। हालांकि जेल प्रबंधन इस बात से इंकार करने से पीछे भी नही हटेगा मगर जेल के सीसी टीवी कैमरे से छेड़छाड़ नहीं किया गया हो तो सारी मुलाकाते सामने आ जांएगी।

वापस लौटे नए लोग..

सोमवार को टेंडर को लेकर दिन भर चली कश्मकश के बाद शाम को नए लोग एक बार फिर जेल अधीक्षक से मुलाकात कर अपनी बात रखने गए थे। लेकिन जेल अधीक्षक ने मिलने से मना कर दिया। बताया जा रहा है कि सोमवार की रात पुराने लोगो को टेंडर देकर फिर से ज्यादा कमीशन के जुगाड़ में गुणा भाग चलता रहा। जेल प्रबंधन के ऊपर तो यह भी आरोप लग रहे है कि वह पुराने लोगो को टेंडर देने की फिराक में टेंडर की रेट लिस्ट में हेराफेरी कर रहे हैं। जबकि नए लोगो की मांग है कि सेंट्रल जेल की टेंडर प्रक्रिया के सारे दस्तावेज कलेक्टर अपनी कस्टड़ी में ले। क्योंकि उन्हें जेल प्रबंधन पर विश्वास नहीं है।

शिकायत पर होगी कार्रवाई.. डीजी..

टेंडर प्रक्रिया में जेल प्रबंधन पर मनमानी का आरोप लगाने वाले और जेल में काले कारोबार के खेल को लेकर ‘OMG NEWS’ ने डीजी जेल संजय पिल्ले से बात की उन्होंने कहा है कि जो कुछ भी हो रहा है उसकी शिकायत मिलते ही कार्रवाई की जाएगी।

जेल प्रबंधन की अपनी मनमानी.. महेश दुबे..

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव महेश दुबे (टाटा महाराज) ने बताया कि सेंट्रल जेल में टेंडर प्रक्रिया के वक्त मैं मौजूद था। जेल अधीक्षक ने सब के सामने खुद ही टेंडर खोंला और एक हफ्ते के भीतर सूचित करने की बात कही जबकि ये प्रक्रिया से बिल्कुल गलत है। ऐसे में किसे टेंडर मिला और किसे नही कैसे पता चलेगा आखिर कारण भी तो पता चलना चाहिए। कुल मिलाकर पुराने लोगो को टेंडर देने की जुगत में जेल प्रबंधन गलत तरीके से काम कर अपनी मनमानी कर रहा है।

एसडीएम ने फोन रिसीव नही किया..

जेल में टेंडर प्रक्रिया के दौरान जिला प्रशासन का कोई अधिकारी मौजूद नही था। इस बात को जानने एसडीएम देवेंद्र पटेल से उनके मोबाईल नम्बर पर संपर्क किया गया मगर उन्होंने फोन रिसीव नही किया।

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