वीडियो- अब पुलिस अफसरों और स्टाफ का डिप्रेशन कम करने स्पंदन अभियान का होगा आगाज,डीजीपी ने बैठक कर बनाई प्लानिंग..

रायपुर. पुलिस विभाग में मानसिक तनाव एक चिंता का विषय बनता जा रहा है काम के बोझ के कारण डिप्रेशन में आने वाले पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने की कोशिश की जा रहा है जिसके मद्देनजर डीजीपी ने एक टीम तैयार कर इस योजना पर काम करने का मन बनाया है।

राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को डीजीपी डी एम अवस्थी ने पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों के बढ़ते अवसाद को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए इस मुद्दे से अवगत कराया था डीजीपी ने आज इस संबंध में छत्तीसगढ़ पुलिस एक कार्ययोजना बनाने के लिए बैठक ली जिससे कि जवानों में उत्पन्न हो रहे मानसिक अवसाद को दूर कर सके और इससे होने वाली घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके इस हेतु योगा तथा मनोवैज्ञानिकों से काउंसिलिंग करायी जाये।


डीजीपी श्री अवस्थी ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों तथा मनोवैज्ञानिकों की उपस्थिति में विस्तृत बैठक कर एक कार्ययोजना तैयार की है। इस कार्ययोजना को अभियान के तहत चलाने हेतु ‘‘स्पंदन’’ नाम दिया गया है। यह योजना प्रदेश में तत्काल प्रभाव से लागू किया जा रहा है। इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश सभी पुलिस अधीक्षकों एवं सेनानियों को दिये गये है।
इन निर्देशों में विशेष रूप से सभी पुलिस अधिकारी पुलिस लाईन, थानों एवं सशस्त्र बल की कंपनियों का भ्रमण कर जवानों के साथ समय व्यतीत करते हुए उनकी समस्याओं से रूबरू होंगे।
सभी सेनानियों को माह में एक बार प्रत्येक कंपनी में रात्रि विश्राम करने के निर्देश दिये गये हैं। इसी तरह से पुलिस अधीक्षकों को भी सभी थानों एवं पुलिस लाईनों में भ्रमण कर जवानों की समस्याएॅं सुनने हेतु निर्देशित किया गया है।
पुलिस मुख्यालय, रायपुर में भी पुलिस महानिदेशक द्वारा जिला पुलिस बल एवं सशस्त्र बल के अधिकारियों एवं कर्मचारियों से मिलने के लिये माह में 02 बार ‘‘स्पेशल इंटरेक्टिव प्रोग्राम’’ चलाया जायेगा, जिसके तहत इनसे पुलिस महानिदेशक द्वारा स्वयं चर्चा की जाएगी।
इसके अलावा सभी दुर्गम इलाकों से लगे हुए कैम्पों में मनोविज्ञानी, म्यूजिक थेरेपी, योग शिक्षा, खेलकूद, पुस्तकालय इत्यादि की व्यवस्था तत्काल प्रभाव से की जायेगी।
सभी रेंज के पुलिस महानिरीक्षकों को यह निर्देशित किया गया है कि वे अपने रेंज में तत्काल प्रभाव से ‘‘स्पंदन’’ अभियान की शुरूआत करें जिससे जवानों को सहूलियत मिल सके। सभी वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा भी दूरस्थ इलाकों के दौरे किया जाकर, वहॉं पहुंचकर अधिकारियों एवं कर्मचारियों से चर्चा की जायेगी, जिसमें स्वयं पुलिस महानिदेशक भी जायेंगे।
पुलिस मुख्यालय स्तर पर पुलिसकर्मियों की समस्याओं की मॉनिटरिंग करने के लिये एक ‘स्पेशल एप’ तैयार किया जा रहा है जो शीघ्र ही लॉन्च किया जायेगा जिसके माध्यम से पुलिसकर्मी एवं उनके परिजन अपनी समस्याएॅं संबंधित अधिकारियों तक पहुंचा सकेंगे। यह ‘एप’ आगामी 15 दिवस में अस्तित्व में आ जायेगा।

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