सेक्सोफोन की दुनिया और नायकर के बहाने सांस्कृतिक आंदोलन..

रायपुर. छत्तीसगढ़ मेंं गत कुछ दिनों से दो कार्यक्रम ( आयोजन ) की गूंज बनी हुई है.वाद्ययंत्र सेक्सोफोन पर आधारित एक कार्यक्रम का नाम है- सेक्सोफोन की दुनिया तो दूसरा जबरदस्त कार्यक्रम हाल के दिनों मेंं नायकर अभी जिंदा है… संपन्न हुआ है. छत्तीसगढ़ में सैकड़ों तरह के आयोजन होते रहते हैं, लेकिन इन दो आयोजन की खास बात यह थीं इनमें एक विशेष तरह का सम्मोहन और आकर्षण था.जो भी कार्यक्रम देखने के लिए हॉल के भीतर पहुंचा तो फिर तब तक बैठा रहा जब तक कार्यक्रम समाप्त नहीं हो गया. मंच पर एक नए तरह के जादू को बिखेरने का काम जिस शख्स ने किया है उसका नाम राजकुमार सोनी है जो एक पत्रकार भी है.

सोनी ने देशबन्धु, जनसत्ता, हरिभूमि, तहलका जैसे कई संस्थानों मेंं सेवाएं दी है, लेकिन प्रिंट जगत मेंं उनका अंतिम पड़ाव पत्रिका अखबार था जहां से वे बर्खास्त कर दिए गए थे. पत्रिका वालों ने सोनी को पहले कोयम्बटूर ( तमिलनाडु ) में संपादक बनाकर भेजा और फिर जैसे ही उनका गाना- चाउंर वाले बाबा…दारू वाले बाबा वायरल होकर घर-घर बजा उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया. यह सब कुछ तब हुआ जब प्रदेश में डॉ. रमनसिंह की सरकार थीं.

खैर… अब यह सब पुरानी कहानी है. नई कहानी यह है कि नौकरी से बर्खास्तगी के बाद भी सोनी ने हिम्मत नहीं हारी और एक वेबपोर्टल के जरिए नए काम की शुरुआत की. अपना मोर्चा डॉट कॉम के माध्यम से वे एक बेहतरीन किस्म का सांस्कृतिक वातावरण कायम कर रहे है. उनके हर आयोजन में प्रदेश के कोने-कोने से लोग स्वस्फूर्त होकर पहुंच रहे हैं और बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं. मूल रुप से भिलाई के रहने वाले सोनी पत्रकार होने से पहले एक रंगकर्मी भी रहे हैं. उनके पास सधे और अनुशासित कलाकारों की टीम भी है जिसके चलते उनका हर आयोजन धूम मचा रहा है. उनके हर कार्यक्रम मेंं एक विजन भी देखने को मिलता है. उनके प्रत्येक कार्यक्रम का मुख्य संदेश यहीं है- नफरत से मोहब्बत बड़ी होती है. मोहब्बत करो और जंग जीत लो..यहीं एक वजह भी है कि उनके प्रत्येक आयोजन को समाज के सभी वर्ग का भरपूर सहयोग भी मिल रहा है.

अभी हॉल के दिनों में नायकर अभी जिंदा है कार्यक्रम में मंच पर मौजूद सभी अतिथियों ने उनके काम की सबने जमकर तारीफ की. साहित्यकार गिरीश पंकज ने राजकुमार सोनी के भीतर की बेचैनी का सम्मान किया तो हरिभूमि के प्रधान संपादक
डॉ हिमांशु द्विवेदी ने कहा कि बेहतर किस्म के आयोजन के चलते राजकुमार सोनी एक उदाहरण बनते जा रहे हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तो डंके की चोट पर साफ-साफ कहा- बृजमोहन जी… आपकी सरकार ने तो राजकुमार की नौकरी छीन ली थीं.उसे तमिलनाडु भिजवा दिया था… लेकिन लोग भूल जाते हैं कि जो आदमी हुनरमंद होता है वह अपने हुनर से जनता के बीच पहुंच जाता है. पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा- नौकरी चली गई… इसलिए तो इन दिनों राजकुमार अच्छा काम कर रहे हैं.
नायकर अभी जिंदा कार्यक्रम को अमूमन सभी चैनल/ पोर्टल और अखबार ने बेहतरीन कव्हरेज दिया. ( एक मात्र अखबार पत्रिका को छोड़कर ) पत्रिका वालों ने ऐसा करके यह बता दिया कि एक बड़ा आयोजन…उसमें जनसामान्य और विशिष्टजनों की भारी मौजूदगी उनके लिए कोई मायने नहीं रखती है. एक अखबार के इस कृत्य की चहुंओर आलोचना हो रही है.

प्रदेश में जब से भूपेश बघेल की सरकार काबिज हुई है तब से एक बेहतरीन किस्म का सांस्कृतिक माहौल भी तैयार हो रहा है. राजकुमार सोनी और उनकी टीम के सदस्य भी इस माहौल मेंं अपनी शानदार प्रस्तुतियों से लोगों का दिल जीत रहे हैं.

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